JAMSHEDPUR: जमशेदपुर पुलिस के हाथ रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी जब शहर के बागबेड़ा थाना अंतर्गत गाड़ाबासा में रह रहे अंतरराज्यीय ठग गिरोह के सरगना रंजन मिश्रा उर्फ अंकित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, डीएम और सरकारी अधिकारी बनकर लोगों बिहार, झारखंड और उप्र के लोगों से ठगी करते थे। सरगना मूल रूप से गया (बिहार) के सिधिया घाट निवासी है।

पुलिस को मिली थी सूचना

एसएसपी अनूप बिरथरे ने प्रेस कांफ्रेस में पत्रकारों को बताया कि शनिवार को बागबेड़ा पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बिहार का एक अपराधी फर्जी नाम से गाड़ाबासा में रह रहा है। पुलिस को जानकारी मिली कि अपराधी व्यापारियों, ठेकेदारों, बड़े-बड़े लोगों को प्रमुख सचिव, प्रधान सचिव एवं वरीय पदाधिकारी बनकर दूसरे राज्यों के लोगों ठगते हैं। सरगना ठेकेदारों और व्यापारियों को अधिकारी बनकर फोन पर लाखों रुपये की मांग करते थे। एसएसपी ने बताया कि इस काम में बिहार के सीतामढ़ी के राकेश राय का बैंक खाता प्रयोग किया जा रहा था। ठगों ने पांच सितंबर को भोपाल के एक ठेकेदार ललित पटेल से 10 लाख रुपये एवं 7 सितंबर को आनंद पटेल से 15 लाख रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर करवाया था।

यूपी-एमी में भी दर्ज हैं मामले

एसएसपी ने बताया कि सूचना पर डीएसपी मुख्यालय व सिटी एसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित रंजन कुमार मिश्रा को रविवार को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ बागबेड़ा थाना में एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह आवाज बदलकर करोबारियों को धमकी देता था। ये लोग एक दिन में 30-40 लोगों से बात करते थे जिससे एक न एक आदमी चंगुल में फंस जाता था। इसके बाद उसे डराकर पैसा वसूला जाता था। आरोपी ने बताया कि जिस सिम का प्रयोग एक बार किया जाता था उसे चार माह बाद ही दोबारा प्रयोग करते थे। आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में भी मामले दर्ज है।

तीन साल में दो करोड़ की ठगी

आरोपित रंजन ने स्वीकारा कि सीतामढ़ी के कुख्यात अपराधी राकेश राय के साथ मिलकर पिछले तीन साल में डेढ़ से दो करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। उसने बताया कि सीतामढ़ी की बैंक में 25 लाख जमशेदपुर में पांच लाख रुपये जमा हैं।

परसुडीह में बनाया है घर

एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया कि परसुडीह के नामोटोला में भव्य मकान बनाया हैं। जिसकी जमीन उसने 11.5 लाख रुपये में खरीदा था। एसएसपी ने बताया कि अपराधी को पकड़ने के लिए खुफिया विभाग की भी मदद ली गयी। ठग गिरोह को राज्य के साथ ही दूसरे राज्यों की पुलिस भी तलाश कर रही थी। पुलिस ने बताया कि जब भी पुलिस आरोपी के मोबाइल को ट्रैस करती तो लोकेशन बागबेड़ा-परसुडीह ही बता रहा था। पटना में 2011 में गिरोह ने डीएम बनकर बीडीओ से भी 40 हजार ठगी की थी इस मामले में बेउर जेल में गया था। आरोपी ने बताया कि जेल में राकेश राय से मुलाकात हुई। पुलिस पूछताछ कर गिरोह से जुडे अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। इसके अलावा बैंक खाते में जमा राशि को उपयोग कहां-कहां किया गया, इसकी भी जानकारी ली जा रही है।

ऐसे करते थे ठगी

आरोपित रंजन कुमार मिश्रा के अनुसार वह पहले संबंधित इंजीनियर का नंबर लेता था, इसके बाद वह मुख्य सचिव या संबंधित अधिकारी का नाम पते के बारे में पूरी जानकारी लेता था। इसके बाद वह ठेकेदार को फोन करता था। मैं प्रधान सचिव बोल रहा हूं। मुझे कुछ जरुरी काम है मेरे खाते में रकम डाल दो। रंजन के अनुसार ऐसा करने से संबंधित ठेकेदार अपने स्तर से पता लगाता था, जब नाम पता सब सही मिलता था तो वह राशि इसके खाते में डाल देता था। इस तरह वह एक जगह ठगी करने के बाद चार माह तक उस इलाके से यह गायब हो जाते थे। बात करने के लिए जिस सिम का प्रयोग किया जाता था वह चार माह के लिए बंद कर दिया जाता था।

फैक्ट फाइल

- आरोपित - रंजन कुमार मिश्रा, उर्फ अंकित मिश्रा, उर्फ अभिनव मिश्रा, उर्फ राकेश पुत्र रामनरेश मिश्रा, सिधिया घाट गया, बिहार, वर्तमामन पता गाड़ाबासा, बागबेड़ा, जमशेदपुर

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बरामद नकदी व सामान

- सात लाख 16000 रुपये नकद

- 11 लाख 50 हजार रुपये का जमीन का कागजात

- एक स्विफ्ट कार

- एक एक्टिवा स्कूटी

- चार फर्जी पहचान पत्र

- 11 मोबाइल विभिन्न कंपनी का

- 5 सिम कार्ड अलग कंपनी का

- दो एटीएम कार्ड

- दो बैंक का पासबुक

आरोपित रंजन कुमार मिश्रा पर विभिन्न राज्यों में दर्ज मामले

- गोरचक, गुवाहाटी, असम

- गांधीनगर, जम्मू-कश्मीर

- भिंगा थाना सरस्वती, उत्तर प्रदेश

- क्राइम ब्रांच दिल्ली

- पिपरी, सोनभद्र, उत्तरप्रदेश

- काकादेव, कानपुर सिटी, उत्तरप्रदेश

- भेलपूरम, वाराणासी, उत्तरप्रदेश

- डुमरा, सीतामढ़ी, बिहार

- करणलगंज इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश

- कोतवाली नगर गोंदा, उत्तरप्रदेश

- तीहार थाना शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश

- कोतवाली थाना मथुरा, उत्तरप्रदेश

- फतेहगढ़ कोतवाली, उत्तरप्रदेश

- हवीबगंज, मध्यप्रदेश

- मंदसौर, मध्यप्रदेश

- बीएचयू, वाराणासी उत्तर प्रदेश