छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: सीएनटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झारखंड दिशोम पार्टी की ओर से मंगलवार को झारखंडी सत्याग्रह की शुरुआत की गई। करनडीह चौक से रैली निकाल कर पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसकी शुरुआत की। रैली में शामिल कार्यकर्ताओं ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) में संशोधन का पुरजोर विरोध किया और इसे रघुवर सरकार की साजिश करार दिया।

सालखन मुर्मू के नेतृत्व वाली झारखंड दिशोम पार्टी की ओर से निकाली गई इस सत्याग्रह रैली में आदिवासी समाज के महिला-पुरुष व बच्चे शामिल हुए। सत्याग्रह रैली के माध्यम से झादिपा ने झारखंड के आदिवासी विधायक सांसदों से सीएनटी संशोधन के मसले पर एकमत होकर विरोध करने की अपील की। इस क्रम में स्थानीयता नीति को भी पलटने की मांग की गई। कहा गया कि स्थानीयता नीति झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों का अस्तित्व समाप्त कर देगा।

की जा रही तैयारी

सत्याग्रह का नेतृत्व आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रदेश संयोजक बिरसा मुर्मू, प्रदेश उपाध्यक्ष जूनियर मुर्मू, सोनाराम सोरेन, रामसिंह मुर्मू, घनीराम टुडू, मंगल आल्डा, मंगल पाड़ेया ने किया। बिरसा मुर्मू ने बताया कि 12 नवंबर को जिला मुख्यालय में वृहद स्तर पर सीएनटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झारखंडी सत्याग्रह किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। उन्होंने सीएनटी एक्ट में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास की हड़बड़ी को कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने की साजिश करार दिया। रैली के क्रम में आजसू विधायक विकास मुं़डा द्वारा टीएसी से इस्तीफा देने की सराहना की गई तो साथ ही उन्हें व तमाम आदिवासी विधायकों को विधानसभा से भी इस्तीफा देने की नसीहत दी गई।