-सिंहभूम होमियोपैथिक कॉलेज पहुंची CCH की टीम, कॉलेज का किया इंस्पेक्शन

-प्रिंसिपल से काफी देर तक की पूछताछ, कई सवाल पूछे गए

- स्टूडेंट्स को फ्यूचर पर खतरा महसूस हो रहा, बुधवार को नौ महीने बाद फिर शुरू हुई क्लास

JAMSHEDPUR: सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी की इंस्पेक्शन टीम बुधवार को सिटी स्थित सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज पहुंची। इस टीम में इंस्पेक्टर शौकत अली के अलावा डॉ अजय सिंह परिहार और डॉ आरपी सक्सेना शामिल थे। टीम ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ कुलवंत सिंह से कई घंटों तक पूछताछ की और कई डॉक्यूमेंट्स की डिमांड भी की। पिछले काफी समय से कॉलेज के बदलते माहौल को लेकर स्टूडेंट्स परेशान हैं और अब उन्हें यह डर सताने लगा है कि कहीं उनका फ्यूचर खराब न हो जाए। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या कॉलेज कंटीन्यू कर पाएगा? इस सवाल का जवाब सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी (सीसीएच) की इंस्पेक्शन टीम के रिपोर्ट पर सीसीएच द्वारा लिए जाने वाले डिसीजन पर निर्भर करेगा पर कॉलेज के भविष्य पर खतरा तो है। हालांकि बुधवार को कॉलेज में लगभग 9 महीने बाद पढ़ाई शुरु हुई। टीचर्स काम पर लौट आए। एबीवीपी की टीम ने भी बुधवार को सीसीएच टीम से मुलाकात कर कॉलेज को बचाने का अनुरोध किया। इसमें प्रभात शंकर तिवारी सोनू ठाकुर और सतनाम सिंह शामिल थे।

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दिल्ली से आई टीम को कॉलेज में ये कमियां दिखीं

- कॉलेज की गवर्निग बॉडी नहीं

- लंबे समय से पढ़ाई बंद

- ऑपरेशन थियेटर नहीं है

- इमेरजेंसी वार्ड की भी व्यवस्था नहीं

- मेटर्निटी वार्ड भी नहीं

- लेबर रूम की व्यवस्था नहीं

- डॉक्टर्स रूम और नर्स रूम भी नहीं

- 25 बेड का इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए जो नहीं है

- छह वार्ड होने चाहिए, जबकि हैं सिर्फ दो

Shocking aspect

खतरे की घंटी! पिछले साल से एडमिशन भी बंद हैं

पिछले साल क्लासेस नहीं होने को लेकर स्टूडेंट्स के हंगामे के बाद डीसी ने सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज का इंस्पेक्शन करवाया था और रिपोर्ट सेंट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथी को रिपोर्ट भेजी थी। उस रिपोर्ट में कई कमियां बताई गई थीं। उस रिपोर्ट के बाद सीसीएच ने यूनिवर्सिटी (विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है यह कॉलेज) को एक्शन लेने को लिखा। उसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा ख्0क्ब्-क्भ् सेशन का एडमिशन रोक दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं सीसीएच ने तो इस कॉलेज के स्टूडेंट्स को दूसरे होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज में माइग्रेट करने की बात कही थी। अब तो सीसीएच से आई टीम की रिपोर्ट के बाद एक्शन का सभी को इंतजार है। फिलहाल कॉलेज में करीब दो सौ स्टूडेंट्स हैं, जो अपने फ्यूचर को लेकर चिंतित हैं।

मुझे अब लगता है कि इस कॉलेज में एडमिशन लेना मेरी भूल थी। यहां तो फ्यूचर खराब होने की स्थिति आ गई है।

- महिमा, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

मैंने उत्तराखंड से आकर यहां एडमिशन लिया। ख्0क्फ् में एडमिशन लिया है और अभी तक ख्भ् परसेंट सिलेबस भी कंप्लीट नहीं हुआ।

- रवीना, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

इस कॉलेज में पढ़ाई बिल्कुल नहीं होती। अगर ऐसी स्थिति थी तो हमारा एडमिशन ही नहीं लेना चाहिए था। अब तो यहां डर लगने लगा है।

- मौसमी, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

लास्ट इयर एडमिशन भी नहीं हुए। इससे तो यही लग रहा है कि इस कॉलेज को कहीं बंद न कर दिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो हमारा क्या होगा।

- प्रेरणा, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

यहां सिर्फ पॉलिटिक्स होती है। हमें पैरेंट्स ने विश्वास के साथ पढ़ने भेजा है पर यहां तो पढ़ाई ही नहीं होती। हमारा फ्यूचर डार्क दिख रहा है।

- प्रतिमा, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

स्थिति यह है कि यहां का सेशन करीब दो साल लेट चल रहा है। हमें कोई पढ़ाने वाला नहीं है। परेशानी इस बात की है कि इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा।

- कविता, स्टूडेंट बीएचएमएस थर्ड इयर

इतने पैसे लग चुके हैं। करीब चार साल का समय भी दे दिया है। हमारे फ्यूचर के बारे में सोचने वाला कोई नहीं। कहीं कॉलेज बंद न हो जाए। हमें समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें।

- शिप्रा, स्टूडेंट बीएचएमएस थर्ड इयर

मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। यहां आकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूं पर जिस तरह का माहौल इस कॉलेज का दिख रहा उससे तो फ्यूचर पर सवाल उठता दिख रहा है।

- प्रकाश, स्टूडेंट बीएचएमएस फ‌र्स्ट इयर

पहले इस कॉलेज का माहौल बहुत अच्छा था। पिछले कुछ महीनों से बहुत कुछ गलत हुआ है। समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा।

- शैलेश, स्टूडेंट बीएचएमएस फोर्थ इयर

पिछले कुछ समय से कॉलेज का माहौल खराब हुआ है। स्टूडेंट्स के लिए सबसे जरूरी है उनकी पढ़ाई। अगर पढ़ाई ही नहीं होगी तो सब बेकार है।

- प्रेम, स्टूडेंट बीएचएमएस फोर्थ इयर

ऑफिशियल स्टैंड

लास्ट इयर डीसी के रिपोर्ट के बाद सीसीएच ने यूनिवर्सिटी को एक्शन लेने के लिए लिखा था जिसके बाद लास्ट इयर एडमिशन रोक दिया गया। फिलहाल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी है। गवर्नमेंट की तरफ से गवर्निग बॉडी को लेकर कुछ क्लियर नहीं किया जा रहा। कॉलेज का क्या भविष्य होगा यह कहना मुश्किल है।

- डॉ कुलदीप सिंह, प्रिंसिपल सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज

अभी मैं कुछ भी नहीं कह सकता। अभी प्रिंसिपल से सारी जानकारी ली जा रही है। कॉलेज का इंस्पेक्शन किया गया है। हमारा काम है रिपोर्ट देना। रिपोर्ट पर एक्शन लेना तो सरकार का काम है। कॉलेज के वर्तमान स्थिति की जानकारी मिलने के बाद ही हम यहां आए हैं।

- डॉ शौकत अली, इंस्पेक्टर, सीसीएच