JAMSHEDPUR: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) को कोविड 19 मरीजों के इलाज के लिए किसी तरह का कोई सरकारी फंड नहीं मिलता। टीएमएच में इलाज का पूरा खर्च फिलहाल टाटा स्टील प्रबंधन ही उठा रही है। टीएमएच में सामान्य मरीजों को पॉजिटिव करने और कोविड 19 के इलाज के लिए सरकार द्वारा पैसे मिलने की अफवाह इन दिनों खूब उड़ रही है। इन्हीं अफवाहों का जवाब देते हुए टीएमएच के महाप्रबंधक डॉ। राजन चौधरी ने शनिवार शाम टेली कांफ्रें¨सग में ये बातें कहीं।

पहले होगी कोविड जांच

बकौल डॉ चौधरी, स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्देश है कि यदि आत्महत्या संबंधी कोई मामला आए तो पहले उनकी कोविड जांच होगी। यदि कोई गंभीर मरीज बुखार, सांस संबंधी तकलीफ के साथ टीएमएच में भर्ती होता है तो हम उसकी कोविड 19 जांच का इंतजार नहीं करते। पहले उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू करते हैं। लेकिन कई बार गंभीर मरीज की कुछ ही घंटों में मौत हो जाती है। लेकिन कोविड 19 जांच का रिजल्ट बाद में आता है। ऐसे में टीएमएच के संबंध में जो भी वीडियो या अफवाह हैं, सभी गलत है।

रिकवरी रेट हुआ 72.4 फीसदी

डॉ। राजन चौधरी ने बताया कि टीएमएच की रिकवरी रेट 66 फीसदी से बढ़कर 72.4 फीसदी हो गई है। अब मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि जिनके मरीज ठीक हो रहे हैं वे कृपया उन्हें अस्पताल से ले जाएं। जबकि कई बार मरीजों के परिजन ही उन्हें अस्पताल से घर नहीं ले जाना चाहते। यदि ठीक होने वाले मरीज अपना बेड खाली करेंगे तभी दूसरे मरीजों का इलाज संभव हो पाएगा।

सिम्टोमैटिक पॉजिटिव मरीज बढ़े

डॉ। चौधरी ने बताया कि शहर में इन दिनों सिम्टोमैटिक (लक्षण वाले) पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी आई है। टीएमएच ने दो स्थानों व जिला प्रशासन ने भी पर एंटीजेन टेस्ट भी शुरू किया है। इसके कारण भी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में आठ से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने एंटीजेन से पॉजिटिव रिपोर्ट को भी सहीं करार दिया, जबकि इसकी रिपोर्ट पर भी कई सवाल उठ रहे थे।

से केवल 21 की कोरोना से मौत

टीएमएच महाप्रबंधक ने बताया कि टीएमएच में अब तक 132 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें क्रिटिकल केयर यूनिट में 78 मौत हुई। इनमें से 11 मरीजों को किडनी, हार्ट, मधुमेह या रक्तचाप संबंधी कोई बीमारी नहीं थी। वहीं, अन्य वार्ड में 43 मरीजों की मौत हुई। इनमें से 10 मरीजों की मौत केवल कोरोना वायरस के कारण हुई। जबकि दूसरे मरीज किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। ऐसे में कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों का प्रतिशत 15 फीसदी ही है।

दिया जा रहा पौष्टिक भोजन

डॉ। राजन चौधरी ने कहा कि ये देखा गया है कि कोविड वार्ड में भर्ती कई मरीजों के परिजन उन्हें घर से लजीज खाना लाकर दे रहे हैं। जबकि कोविड वार्ड में भर्ती मरीज से सामान का आदान-प्रदान करना गंभीर है और इसका नुकसान पूरे समुदाय को उठाना पड़ सकता है। टीएमएच में मरीज की स्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। इसके अलावे कई मरीज यदि पूर्व में किसी तरह की दवा खा रहे हैं तो वे भर्ती होते समय इसकी जानकारी डॉक्टर को दें।

पर्याप्त डॉक्टर व सफाई कर्मचारी

टीएमएच महाप्रंधक ने उन वायरल हुई वीडियो को भी गलत ठहराया जिसमें टीएमएच के कोविड वार्ड में सफाई व डॉक्टर की कमी को दिखाया गया था। डॉ। चौधरी ने कहा कि कोविड वार्ड में सफाई कर्मचारी पूरा पीपीई किट पहनकर अपनी सेवा कर रहे हैं। इसके अलावे उन्होंने बताया कि कोविड वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा। वहीं, नार्मल कोविड वार्ड में दो बार डॉक्टर मरीजों की जांच करते हैं। वे जल्द ही इसकी ऑनलाइन व्यवस्था भी शुरू कर रहे हैं ताकि उनके पास रिकार्ड रहे कि मरीज को कब-कब डॉक्टर ने जांच की गई। इसके अलावे हर वार्ड में 24 घंटे एक डीओडी तैनात रहता है। जो मरीज की स्थिति गंभीर होने पर इसकी सूचना डॉक्टर को देता है।

दान करें प्लाज्मा

डॉ। राजन चौधरी ने वैसे मरीजों से अपील की है जो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब स्वस्थ्य हो चुके हैं वे गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए अपना प्लाजमा डोनेट करे। उन्होंने बताया कि अब तक टीएमएच में चार मरीजों में प्लाजमा ट्रांसप्लांट किए गए। इनमें से पहले मरीज की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। जबकि दूसरे मरीज की मौत हो चुकी है। वहीं, दो अन्य मरीजों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।