JAMSHEDPUR: हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता के आश्वासन पर बुधवार की शाम को सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों ने हड़ताल खत्म किया। गुरुवार से सभी चिकित्सक वापस काम पर लौटेंगे। ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक सेवा देंगे। हालांकि, गुरुवार को चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल भी स्वास्थ्य मंत्री से मिलेगा। ताकि जल्द से जल्द उनकी मांगें पूरी हो सकें। इधर, बुधवार को दिनभर सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों का महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हड़ताल जारी रहा। तीसरे दिन अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई थी। ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। वहीं, ऑपरेशन भी टाले जा रहे थे। सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला, पहल कुछ भी नहीं की गई। इस बार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे तब तब हड़ताल जारी रखेंगे। अस्पताल की बिगड़ते विधि-व्यवस्था को लेकर एमजीएम प्रबंधन ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को वे विभाग को भेज देंगे लेकिन सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक नहीं माने। सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि यह समस्या सिर्फ एमजीएम का नहीं है बल्कि पूरे झारखंड के छहों मेडिकल कॉलेज में तैनात वरीय रेजीडेंट चिकित्सकों का है। ऐसे में एमजीएम प्रबंधन चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता है। वे लोग स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन से भी हड़ताल के पहले दिन मिले थे लेकिन उनके द्वारा भी कोई उचित कार्रवाई का भरोसा नहीं दिया गया, जिसके कारण उनका हड़ताल जारी है। वहीं, अस्पताल में एक भी ड्रेसर नहीं है जिसके कारण मरीजों को ड्रे¨सग के लिए भटकना पड़ रहा है। किसी तरह स्वीपर ड्रे¨सग कर रहे हैं।

विधानसभा में भी उठा मामला

एमजीएम के सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों ने कहा कि बीते मंगलवार को उनकी समस्याओं को विधानसभा में भी उठाया गया। रांची कांके के विधायक समरी लाल ने विधानसभा में सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की समस्याओं को उठाया और उसका समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी सहित अन्य विधायकों ने भी किया लेकिन अभी तक कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई है।

चिकित्सकों की मांग

सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सातवें वेतनमान का बकाया एरियर का भुगतान नहीं हुआ है। जबकि सरकार की ओर से कई बार उन्हें आश्वासन मिल चुका हैं। एक-एक चिकित्सक का चार से पांच लाख रुपये बकाया है।