जमशेदपुर (ब्यूरो): गुरु गोविंद दोउ खड़े, का के लागूं पाय, बलिहारी गुरू आपनो, गोविंद दियो बताय, दोहे की इन पंक्तियों को तो सबने सुना होगा, इसका मतलब भी पता है, लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत गुरुओं की दयनीय स्थिति की चिंता किसी को नहीं है। ऐसे में ज्ञान बांटने वाले ये गुरू अब भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। उनकी इस दुर्दशा से किसी को कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

150 से ज्यादा शिक्षक

कोल्हान विश्वविद्यालय में 150 से ज्यादा आवश्यकता आधारित शिक्षक हैं। पिछले कई वर्षों से ये कॉलेज में अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन इनकी चिंता न सरकार को है और न ही कोल्हान यूनिवर्सिटी को। पिछले 5 महीनों यानी विगत फरवरी माह से इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है और ये अपने वेतन की बाट जो रहे हैं।

फरवरी से नहीं मिला है वेतन

झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय कहते हैं कि कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत लगभग 150 आवश्यकता आधारित शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। फरवरी महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है। आलम यह है कि बच्चों की फीस, घर का भाड़ा, राशन वाले का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा। इस कारण सभी जगह इन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।

कई विभाग आवश्यकता आधारित शिक्षकों के भरोसे

गौरतलब है कि कई सारे विभाग आवश्यकता आधारित शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं। मई की गर्मी में भी मानसिक पीड़ा झेलते हुए सभी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया, लेकिन पूरा काम लेने के बावजूद कोल्हान यूनिवर्सिटी द्वारा इन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस कारण इन्हें काफी परेशानी हो रही है।

संघ ने कहा भिक्षाटन करेंगे

शिक्षक संघ का कहना है कि सभी शिक्षकों की स्थिति चरमरा गई है। वे रोज-रोज वेतन के बारे में पूछ रहे हैं। संघ ने एक सप्ताह में वेतन न मिलने की स्थिति में शहर और आस-पास के स्थानों में भिक्षाटन कर साथियों के जीवन-यापन की व्यवस्था करेगा।

विश्वविद्यालय में बिल जमा है, फिर भी भुगतान नहीं होना चिंता का विषय है। रोज शिक्षक पूछ रहे हैं, लेकिन जवाब देते नहीं बन रहा है। अगर इस सप्ताह मानदेय का भुगतान नहीं होता है, तो संघ भिक्षाटन कर साथियों के जीवन यापन की व्यवस्था करेगा।

राकेश कुमार पांडेय, अध्यक्ष, झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ

हमें फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है। इस कारण काफी परेशानी हो रही है। कोल्हान यूनिवर्सिटी में करीब 192 आवश्यकता आधारित शिक्षक हैं, सभी परेशाना हैं। इस संबंध में कई बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला।

डॉ। सविता