JAMSHEDPUR: शहर की अधिकतर कंपनियों में बोनस हो गया है। लेकिन वहीं टिमकेन इंडिया लिमिटेड में बोनस नहीं हो पाया है। टिमकेन में बोनस पर प्रबंधन-यूनियन की बीच वार्ता बंद है। यूनियन 20 फीसद की मांग पर अड़ा हुई है। वहीं सूत्रों का मानना है कि कंपनी प्रबंधन यूनियन की आपसी विवाद को देखते हुए श्रमायुक्त के आदेश का इंतजार कर रहा है। श्रमायुक्त बहुत जल्द यूनियन की मान्यता पर अपना फैसला देने वाले हैं।

बोनस में विलंब होने से कर्मचारियों में असंतोष का माहौल बढ़ते जा रहा है। एक तो कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन 40 माह से लंबित है, कई दौर की वार्ता के बावजूद समझौता नहीं हो पाया है। वैसे ही अब बोनस में विलंब होने की वजह से कर्मचारियों की परेशानी और बढ़ गई है। कर्मचारी अपने यूनियन नेता पर दबाव बनाना शुरू कर दिए हैं, तो यूनियन भी समय रहते समझौते करने की बात कर रही है। कंपनी की मान्यता प्राप्त टिमकेन वर्कर्स यूनियन बीस फीसद बोनस की मांग कर रही है।

तोड़ा मुनाफा का रिकार्ड

बीते साल कंपनी को जब 223 करोड़ के मुनाफे पर 19 फीसद बोनस मिला है तो वित्तीय सत्र 2019-20 में कंपनी तीस साल का रिकार्ड तोड़ते हुए 306 करोड़ के मुनाफा में है। ऐसे में बीस फीसद बोनस तो मिलना ही चाहिए। यूनियन इस बात का हवाला देते हुए बीस फीसद बोनस की रट लगा रही है। जबकि कंपनी प्रबंधन आर्थिक मंदी व कोरोना काल का हवाला देते हुए यूनियन की मांग पर खरा उतरने में असमर्थता जता रहा है। डीएलसी की पहल व यूनियन के आग्रह के बावजूद भी यहां समझौता नहीं हुआ है। और इधर कई दिनों से प्रबंधन-यूनियन की वार्ता बंद है।

श्रमायुक्त के आदेश का इंतजार

टिमकेन वर्कर्स यूनियन की वैधता का मामला श्रमायुक्त के पाले में चला गया है। यूनियन के विरोधी नेता बिजय यादव ने यूनियन विवाद मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामला श्रमायुक्त को सौंप दिया है। न्यायालय का आदेश का पालन करते हुए श्रमायुक्त ने दोनों पक्ष को बुलाकर उनकी बातें सुनी है, कागजात भी देंखे हैं ऐसे में इसी हप्ते फैसला भी आना है। जानकारों का कहना है कि न्यायालय के आदेश के बाद ही प्रबंधन सक्रिय होगा। जिसके पक्ष में निर्णय आएगा उसके साथ वार्ता कर समझौता करने का काम करेगा।