- रांची यूनिवर्सिटी ने दे दी प्रोन्नति, कोल्हान चला अपनी राह

-इंतजार में इस दुनियां से विदा हो गए कई शिक्षक,

-मायूस हो रहे हैं शिक्षक और उनके परिजन

CHAIBASA: जीते जी तो नहीं मिला। मौत के बाद भी परिवार वालों को कुछ लाभ मिल जाए। शायद यही सोचते रहे होंगे वे शिक्षक जिन्हें वर्ष क्98क् से प्रोन्नति का लाभ मिलना चाहिए था। कालबद्ध प्रोन्नति यानी निर्धारित सेवा अवधि का दस साल पूरा होते ही ये उस प्रोन्नति के हकदार हो गए थे। दो दशक से ज्यादा नियम-कानून, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने में निकल गए। इसके बाद कई साल से लालफीताशाही प्रोन्नति का लाभ दिलाने में आड़े आ रही है। क्98क् से इस लाभ पाने के इंतजार में ज्यादातर शिक्षक दिवंगत हो चुके हैं।

मझधार में केयू

रांची सहित अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति का लाभ कुछ महीने पहले दिया जा चुका है। मंझधार में फंसा है कोल्हान विश्वविद्यालय से संबद्ध एबीएम कॉलेज के करीब एक दर्जन शिक्षकों का मामला। इन शिक्षकों के परिजन अब इसके लिए दौड़ लगा रहे हैं। उन्हें अब इस बात का मलाल है कि जिस कॉलेज में संबंधित शिक्षक कार्यरत रहे वह अब कोल्हान विश्वविद्यालय के अधीन है। यदि ख्009 में अलग न होकर रांची विश्वविद्यालय के अधीन ही होता तो अबतक काम हो चुका होता। कारण यह कि इसी मामले में रांची विश्वविद्यालय ने अपने अधीन महाविद्यालयों के शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ दे दिया है।

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यह है मामला

जमशेदपुर स्थित एबीएम कॉलेज का सरकारीकरण क्97क् में किया गया। उसके पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की सेवा क्97क् से नियमित मानी गई। उस हिसाब से क्98क् में दस साल की सेवा पर कालबद्ध प्रोन्नति दी जानी चाहिए थी। कुछ शिक्षकों की ज्वाइ¨नग तिथि को लेकर मामला न्यायालय में चला गया। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में निर्णय दिया। इसके बावजूद विश्वविद्यालय और मानव संसाधन विकास विभाग की दौड़ लगती रही। ख्009 में कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और एबीएम कॉलेज सहित कोल्हान क्षेत्र के महाविद्यालय रांची विश्वविद्यालय से अलग हो कोल्हान विवि के अधीन हो गए।

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केयू कर रहा जेपीएससी से स्वीकृति का इंतजार

एबीएम कॉलेज के शिक्षकों के परिजनों ने कोल्हान विश्वविद्यालय के वीसी डॉ। आरपीपी सिंह से मांग की कि रांची विश्वविद्यालय की तर्ज पर समयबद्ध प्रोन्नति का लाभ दिया जाए। इसपर कुलपति ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ देने के लिए पहले झारखंड लोकसेवा आयोग से अनापत्ति ली जाएगी। इसके बाद लाभ दिया जाएगा। परिजन इस बात को लेकर व्यथित हैं कि जब रांची विश्वविद्यालय नियम व विधायन को अंगीकार किया गया है तो इस मामले में दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है। न जाने अभी और कितना इंतजार करना पड़ेगा।

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एबीएम कॉलेज के कुछ शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति देने का मामला मेरे संज्ञान में है। पूरे मामले को जेपीएससी भेजा गया है। वहां से अनापत्ति मिलते ही प्रोन्नति का लाभ दे दिया जाएगा।

-डॉ। आरपीपी सिंह, वीसी, कोल्हान यूनिवर्सिटी