-सिटी के कई इलाकों में पसरी है गंदगी

-कचरा नहीं उठाने से मच्छरों का आतंक बढ़ा

-खुल नहीं रही जेएनएसी, एमएनएसी, जुगसलाई नगरपालिका के अधिकारियों की नींद

JAMSHEDPUR: स्टील सिटी की दो तस्वीरें हैं। एक ओर जहां कंपनी एरिया चकाचक है, वहीं दूसरी और नन कंपनी एरिया में जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा है। सड़क, गलियों, नालियों में कचरों का ढेर नजर आ रहा है। बारिश के शुरू हो जाने से अब तो नन कंपनी एरिाय में महामारी का खतरा मंडराने लगा है। यहां नियमित सफाई नहीं होने से कचरा सड़ने लगा है। ऐसे में लोगों का उन इलाकों से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। लोगों की परेशानी से जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी), मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी (एमएनएसी), जुगसलाई नगरपालिका के अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है। यहां तो प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की भी पोल खुलती नजर आ रही है।

नहीं उठाया जा रहा कचरा

शहर के कुछ इलाकों को छोड़ कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। हफ्तों तक कचरा जमा रहने से लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं बारिश में यह कचरा सड़ रहा है, जो लोगों को जानलेवा बीमारियां दे सकता है।

लोगों की नहीं सुनता जेएनएसी

सिटी के कई खेल के मैदान भी इन दिनों कचरा डंप करने की जगह बन गए हैं, जिससे बच्चों को खेलने में परेशानी हो रही है। इनमें केबल बस्ती ग्राउंड, सीताराम डेरा सेंटर में शहर का कचरा फेंका जा रहा है। आसपास के लोगों ने जेएनएसी के अधिकारियों को कई बार इसके लिए आवेदन भी दिया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। जेएनएसी की नींद खुलती है तो महीने में एक बार कचरा उठाया जाता है।

कचरे के बीच रहने की मजबूरी

कालीमाटी स्थित रिफ्यूजी कॉलोनी के लोग कचरों के ढेर के बीच रहने को मजबूर हैं। रिफ्यूजी कॉलोनी में सफाई का हाल भी ठीक वैसा ही है जैसा झुग्गी-झोपडि़यों में रहने वाले लोगों का होता है। लोगों ने बताया कि इन इलाकों में न तो ब्लीचिंग और न ही डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है। ऐसे में मच्छर पनपते रहे हैं।

आए दिन चौक-चौराहों पर बिखरी गंदगी देखने को मिलती है। मैंने जेएनएसी में कई बार लिखित शिकायत की। शुरू में एक-दो बार सफाई तो हुई, लेकिन बाद में वो भी बंद हो गया। दोबारा शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि यह हमारे अंडर में नहीं आता है।

कैलाशपति सिंह

जेएनएसी में शिकायत करने पर स्टाफ एक-दो बार सफाई करने आए। लेकिन अब कहते हैं कि कर्मचारी छुट्टी पर हैं। ऐसे में सफाई का काम बिल्कुल ठप है। बस्ती के लोग भी गंदगी में रहने को विवश हैं।

हरेराम यादव

हमारे इलाके में विभिन्न दलों के नेता भी रहते हैं। इसके बावजूद सफाई नहीं होती है। उन्हें हमारी परेशानी से कोई मतलब नहीं है। एक तो कचरा नहीं हटाया जाता ऊपर से नाली की सफाई भी नहीं होती है। अब तो नाली का पानी फ्लैट में घूस रहा है। इससे बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है।

एमके बोस

कंप्लेन करने पर भी सफाई के लिए कोई नहीं आता। जुस्को और जेएनएसी के चक्कर में कचरा नहीं उठाया जा रहा है। इससे गंदगी का अंबार लग गया है। बारिश होने से अब यह कई बीमारियों को भी दावत दे रहा है।

बल्लू

हमारा एरिया जुस्को के अधीन आता है। पहले तो हफ्ते में आकर जुस्को के कर्मचारी कचरा ले जाते थे, लेकिन आजकल ये लोग कचरे का ढेर लगने का इंतजार करते हैं। कचरों की वजह से मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। इस मौसम में तो मलेरिया और डेंगू के मच्छर भी पैदा हो जाते हैं।

रंजन अग्रवाल

कचरा जमा होने की वजह से गंदगी है। सिटी में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। अब तो कचरा सड़ने लगा है। इस वजह से इन इलाकों से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। जब लोग दुर्गध से परेशान हो जाते है तब अधिकारियों की नींद खुलती है।

पुनित कुमार

जहां कचरा फेंका जाता है वहीं पास में मेरा घर है। इस वजह से मेरे घर में मच्छरों की भरमार हो गई है। बच्चे भी छोटे हैं। ऐसे में उनके बीमार होने का डर सताता रहता है। बारिश होने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी बढ़ गई है। डीडीटी का छिड़काव किया जाना चाहिए।

अमित खखंदा

जेएनएसी वाले न तो कचरा उठाते हैं और न ही ब्लीचिंग का छिड़काव करते हैं। गंदगी जमा होने से लोगों को परेशानी तो होती ही है साथ ही उन्हें बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं। जब सीएम के शहर की ही हालत ऐसी है तो और क्या कहा जा सकता है।

कुणाल