जमशेदपुर (ब्यूरो): उन्हें अब तक उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिला है। खाना बनाने के लिए लकडिय़ां ही उनका एकमात्र साधन है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शनिवार को यह पता करने का प्रयास किया कि लोगों के पास दावे के मुताबिक एलपीजी कनेक्शन है की नहीं। लोगों से बातचीत में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। पता चला कि कई गांव के लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन ही नहीं है।

पढ़ाई भी हो रही प्रभावित

गम्हरिया के आस-पास सटे कई गांव हैं, जहां के ज्यादातर लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन ही नहीं है। 20 साल से ज्यादा समय से यो लोग लकड़ी और कोयला पर ही खाना बनाते हैं। कई लड़कियां स्कूल न जाकर खाना बनाने के लिए काफी दूर से सिर पर लकड़ी ढोकर घर लाती हैं। उनका कहना है कि अगर पढ़ाई करेंगे तो लकड़ी कैसे ढोएंगे और लकड़ी नहीं ढोएंगे तो खाना कैसे बनेगा।

20 साल होने वाला है, आज तक गैस कनेक्शन तो नहीं मिला, आगे का क्या कहें। अभी हम लोग लकड़ी और कोयला पर खाना बनाते हैं। इसलिए जंगल से लकड़ी लेकर जा रहे हैं।

बुधनी मांझी, शंकरपुर

गैस कनेक्शन नहीं मिला है। इस कारण लकड़ी पर खाना बनता है। पढ़ाई नहीं कर पाती हूं। पढ़ाई करने से लकड़ी कौन ढोएगा।

अनिता

हमारे गांव में कुछ लोगों को कनेक्शन मिला है, लेकिन अब सिलेंडर खाली ही पड़ा है। खत्म होने के बाद उनके पास भराने का पैसा नहीं है। ऐसे में लकड़ी ही एकमात्र सहारा है।

निखिल पात्रो

मैं यहीं एक कंपनी में काम करता हूं। गैस कनेक्शन के लिए काफी पहले ही फॉर्म भरा, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला। अब क्या करें, लकड़ी ढो रहे हैं।

वीर सिंह, उपरबेड़ा

अभी मैं नई आयी हूं, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। एलपीजी कनेक्शन के बारे में पता करवाती हूं।

-मारुति मिंज, बीडीओ, गम्हरिया