जमशेदपुर (ब्यूरो): साकची में जहां पुराना बस स्टैंड था, वहां जगह कम होने और सडक़ जाम की स्थिति होने के कारण बस स्टैंड को आई अस्पताल के पास शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद पुराने बस स्टैंड के पास की जगह को पार्किंग एरिया के रूप में डिवेलप कर दिया गया। लेकिन यह पार्किंग एरिया गैराज संचालकों के लिए मुफ्त का बिजनेस स्पेस बन गया है।

वाहनों की मरम्मत

पुराना बस स्टैंड के पास पीछे की ओर करीब 32 अलॉटेड दुकानें हैं। इनमें से कइयों ने अपनी दुकान बेच दी हैं, तो कुछ ने किराए पर ले रखी है। कुछ ऐसे लोग हैं जो 30 साल से ज्यादा समय से वहां दुकान चला रहे हैं। इस बीच ज्यादातर ने वहां गैराज और व्हीकल रिपेयरिंग की दुकान खोल ली हैं। इन गैराज संचालकों और व्हीकल रिपेयरिंग करने वालों द्वारा दुकान के सामने काम न कर पार्किंग एरिया का उपयोग किया जा रहा है। इस कारण पार्किंग में वाहन खड़ी नहीं हो पा रही हैं। पार्किंग एरिया में कहीं खराब वाहन खड़े मिल जाएंगे तो कहीं वाहनों में हवा भरने की पाइप और मशीन लगी है तो कहीं बाइक की सीट बनाने का कारोबार हो रहा है और पार्किंग में ही तार बांधकर वहां सीट की डिजाइन टांग दी गई है। वहां जेएनएसी पार्किंग के लगे बोर्ड को भी उनके द्वारा हटा दिया गया है, ताकि किसी को पता ही न चले कि यहां पार्किंग एरिया भी है। पूरे पार्किंग एरिया को ग्रीस और मोबिल आदि गिराकर गंदा कर दिया गया है। वहीं कर्मचारी टेबल लगाकर बैठे रहते हैं।

अधिकृत जगह का कराया अतिक्रमण

एक तरफ जेएनएसी जगह-जगह पार्किंग स्पेस की तलाश कर रही है। साकची बसंत टाकीज के सामने तो रोड पर ही पार्किंग बना दिया गया है और पुराना बस स्टैंड के सामने आधिकारिक रूप से बनी पार्किंग का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस मामले में जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी से संपर्क करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

वसूली का आरोप

अलग-बगल के दुकानदारों का आरोप है कि यहां जिसे पार्किंग का टेंडर मिला है, उसके द्वारा इन गैराज संचालकों से पार्किंग का उपयोग करने के एवज में शुल्क वसूला जाता है। यहां गौरतलब है कि यह क्षेत्र पार्किंग के लिए अधिकृत है और यहां कारोबार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अगर इसका उपयोग व्यवसाय के लिए किया जा रहा है। गैराज संचालकों द्वारा पार्किंग स्पेस के साथ ही रास्ते पर कब्जा करने के कारण वर्षों से दुकान लगाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ग्राहक उन दुकानों तक नहीं जा पाते हैं, जिस कारण दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है और उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है।

यह अतिक्रमण का मामला है और इसे लेकर नियम साफ है कि जहां अतिक्रमण होगा, वहां से हटाया जाएगा।

-पीयूष सिन्हा, एसडीओ, धालभूम