जमशेदपुर (ब्यूरो): ऑनलाइन फिल्म फेस्टिवल में कुल 12 फिल्में दिखायी गईं। इसमें 3 से लेकर 18 मिनट तक की फिल्में शामिल थीं। वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी दर्शकों ने इसे खूब सराहा। सामाजिक और अंतरात्मा की आवाज में लिपटी रचनात्मक लघु फिल्में पर्यावरण संरक्षण, गर्भपात, पालन-पोषण, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और लॉकडाउन का प्रभाव जैसी विषयों पर आधारित बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में थी। फिल्मों का निर्माण जमशेदपुर, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में हुआ और कलाकार भी स्थानीय थे।
उत्सव का होगा आह्वान
टेक 5 कम्यूनिकेशन के प्रमुख एवं फिल्म डायरेक्टर तथागत भट्टाचार्जी ने बताया कि शॉट्र्स न केवल शहर के फिल्म प्रेमियों और जमशेदपुर के उत्साही लोगों की उम्मीदों के कैलेंडर पर एक वार्षिक चिह्न है, बल्कि रचनात्मक भारत और विदेशों में भी है। सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ प्रोफेशनल एक्सीलेंस (एसपीपीई), टाटा स्टील और कोलकाता के टेक5 कम्युनिकेशंस द्वारा संयुक्त रूप से पिछले 14 साल (वर्ष 2008) से सेंटर फॉर एक्सीलेंस जमशेदपुर में किया जाता रहा है। पिछले साल 2020 और इस साल 2021 में कोविड संक्रमण के कारण सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार ऑनलाइन शॉट फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल ऑर्गनाइजर्स सोसाइटी फॉर प्रमोशनल ऑफ प्रोफेशनल एक्सीलेंस (जमशेदपुर) और टेक 5 कम्युनिकेशंस (कोलकाता) को उम्मीद है कि अगले साल 2022 नवंबर माह में सामान्य भौतिक संस्करण के साथ शॉर्ट फॉर्म में वापस आ जाएंगे। संयोग से 2022 में महोत्सव अपने 15वें वर्ष में प्रवेश करेगा और यह निस्संदेह स्टील सिटी में रचनात्मकता के उत्सव का आह्वान करेगा।