छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : मसीही समाज की रविवार को खजूर मिस्सा के साथ पवित्र सप्ताह की शुरुआत हुई। कैथोलिक समुदाय में इस दिन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु यीशु चमत्कार करते हुए येरुशलम नगर में प्रवेश किए थे। तब वहां के निवासियों ने उनके स्वागत के लिए खजूर की डालियों का उपयोग किया था। लौहनगरी के कैथोलिक अनुयायी खजूर की पवित्र डालियों के साथ इस अनुष्ठान में शामिल हुए। सेंट जोसफ चर्च के फादर डेविड विंसेंट ने बताया कि रविवार को सेंट जोसेफ और ज्ञानदीप चर्च में सुबह सात बजे से पवित्र मिस्सा का आयोजन हुआ। मर्सी चर्च में सुबह साढ़े सात बजे से मिस्सा हुआ। इसमें सबसे पहले खजूरों की आशीष हुई।

उन्होंने बताया कि विशप स्वामी, फादर डेविड विंसेंट, फादर जेरोम और फादर फेवियन ने मर्सी चर्च में मिस्सा पूजा की। इस दौरान मर्सी अस्पताल परिसर से खजूर जुलूस निकाला गया जो चर्च पहुंचकर समाप्त हो गया। ज्ञानदीप चर्च में फादर मनोज और फादर एडविन ने मिस्सा बलिदान दिया, वहीं सेंट जोसेफ महागिरजा में फादर अजय और फादर जिल्सेन ने मिस्सा बलिदान दिया। सेंट जोसेफ वेलफेयर मैदान से खजूर जुलूस निकलकर चर्च पहुंचा। जुलूस में कई मसीही खजूर डाली के साथ शामिल हुए। मौके पर फादर डेविड विंसेंट ने बताया कि खजूर रविवार यानि प्रभु के दुखभोग काल के प्रारंभ के अवसर पर लोगों को प्रभु के उपर कैसे और किस प्रकार की यातनाएं हुई, इसे पढ़कर सुनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रभु जब येरूशलम में प्रवेश किया, तब उनका स्वागत राजा की तरह किया गया। बाद में उसे गिरफ्तार कर मौत की सजा सुनाई गई। इससे इस बात का पता चलता है कि कोई तुम्हारे से सदा ही दोस्ती निभाएगा यह जरूरी नहीं है। स्वागत में भी कठिनाई हो सकती है। उन्होंने बताया कि खजूर रविवार के साथ ही पवित्र सप्ताह प्रारंभ हो गया है। आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा।