CHAKRADHARPUR: कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबर है। दोनों ओर से सैकड़ों राउंड फाय¨रग हुई। चाईबासा पुलिस को सूचना मिली थी कि सोनुवा थाना इलाके के जंगल में नक्सलियों ने डेरा डाल रखा है। सूचना के बाद जिला पुलिस और सीआरपीएफ की 60 वीं बटालियन के जवानों ने जंगल की घेराबंदी की। पुलिस के पहुंचने की आहट मिलते ही नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए। पुलिस मुठभेड़ के बाद पोड़ाहाट जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रही है।

मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान

पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र के चिरुंग के रेड़ा टोला में 4 अप्रैल को नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान तीन महिला नक्सली मारी गई थी। इसमें दो महिला नक्सलियों की पहचान बुधवार को यानी 8 अप्रैल को हुई। एक नक्सली की पहचान गोइलकेरा थाना क्षेत्र के आराहास पंचायत के कांसुआ गांव की सोना माही उर्फ सोना माई के रूप की गई। वही दूसरी महिला नक्सली की पहचान गुवा थाना क्षेत्र के लापुंग गांव निवासी सुनिका चम्पिया उर्फ सुबनी पिता चुन्नू चम्पिया के रूप में की गई। सुनिका के शव को सुनिका के पिता चुन्नू चम्पिया व उसकी माता सीता कुई को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल से सौंप दिया गया। तीसरी मृत महिला नक्सली की पहचान पहले ही हो चुकी है।

चल रहा था नक्सलियों का कैंप

ज्ञात हो कि चार अप्रैल की सुबह में गुदड़ी थाना क्षेत्र के चिरुंग गांव की पहाड़ी की तराई में बसे रेड़ा टोला में जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान के दौरान नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में घटनास्थल से रायफल, बन्दूक, ¨जदा कारतूस, खोखा, कार्बाइन की मैगजीन, तीर बम, वाकी-टाकी, रेडियो, काले रंग की फ्लैश लाइट, बैनर, वोल्टमीटर, नक्सली साहित्य एवं अन्य सामान सहित तीन महिला नक्सलियों का शव मिला था। रेड़ा में नक्सलियों का अस्थायी कैम्प भी मिला था। उस दिन पुलिस व सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों को किसी तरह के नुकसान से बचाते हुए नक्सलियों से लगभग एक घंटे तक मुकाबला किया था। बाद में नक्सलियों को भागने पर मजबूर होना पड़ा था। इस बीच नक्सली सुरेश मुंडा व जीवन कंडुलना के दस्ते की तीन महिला नक्सली सुरक्षा बल के जवानों की गोली से मुठभेड़ में मारी गई थीं।