छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के 349 वीं प्रकाश देहाड़ा पर नगर कीर्तन में - वाहो, वाहो गुरु गोविन्द सिंह आपे गुरचेला, मैं हूं परम पूरख का दासा, देखन आयो जगत तमाशा आदि गुरवाणी कीर्तन बच्चों, युवाओं व बुजुर्गो द्वारा गाये जा रहे थे। जिससे जुगसलाई से साकची तक का माहौल भक्तिमय हो गया था। 12.00 बजे शुरू हुआ नगर कीर्तन जुगसलाई स्टेशन रोड गुरुद्वारा से शनिवार की सुबह 12 बजे पालकी साहिब की रवानगी हुई। पालकी साहिब की रवानगी से पहले अकाली दल के भाई रविन्द्र सिंह ने अरदास की और शाम 5.30 बजे साकची गुरुद्वारा में नगर कीर्तन की समाप्ति की अरदास अकाली दल के जत्थेदार भाई जरनैल सिंह ने की।

फूलों की वर्षा

स्टेशन रोड गुरुद्वारा से जैसे ही पालकी साहिब के आगे बढ़ते ही सड़क के दोनों ओर बने मकानों की छतों से लोग फूलों की वर्षा पालकी साहिब में करने लगे। यह फूलों की वर्षा गुरुद्वारा से लेकर फाटक तक हुई। इसमें सभी धर्म के लोग स्वेच्छा से अपने छतों से फूलों की वर्षा पालकी साहिब पर कर रहे थे।

50 से ज्यादा तोरणद्वार

टेल्को से साकची की ओर निकले करीब ढाई किलोमीटर लंबे नगर कीर्तन के स्वागत के लिए 50 से ज्यादा तोरणद्वार लगाये गये थे। इतना ही नहीं स्टेशन रोड गुरुद्वारा से फाटक तक आकाश में गुब्बारे सजा दिये गये थे और सड़क पर कालीन बिछा दी गई थी। जिसके ऊपर से नगर कीर्तन गुजर रहा था। वहीं नगर कीर्तन के गुजरने वाले रास्तों में विभिन्न संगठनों के द्वारा शिविर लगाये गये थे। इस शिविर में शामिल सदस्यों ने नगर कीर्तन में शामिल बच्चों के बीच सेव, केला, बिस्कूट, मिठाई चाकलेट, व चाय का वितरण किया।

कतारबद्ध तरीके से बढ़ा नगर कीर्तन

नगर कीर्तन में शामिल छोटे- छोटे स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कतार बद्ध तरीके से गुरवाणी कीर्तन करते हुए आगे बढ़ रह थे। नगर कीर्तन में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग नंगे पांव ही चल रहे थे। नगर कीर्तन के आगे आगे साकची गुरुद्वारा के सिख नौजवान सभा के सदस्यों द्वारा ट्रैक्टर को सजाधजा कर चला रहे थे। वहीं ट्रैक्टर के आगे आगे नन्हा घोड़सवार हर्षदीप सिंह (8) घोड़े में बैठा नगर कीर्तन की अगुवाई कर रहा था।

मत्था टेक रहे थे लोग

पालकी साहिब आते ही लोगों का हुजूम पालकी साहिब के समक्ष मत्था टेकने के लिए आगे बढ़ रहे थे। मत्था टेकने के बाद पालकी साहिब में बैठे अकाली दल के ग्रंथियों द्वारा पतासा व लड्डू का प्रसाद लोगों को दिया जा रहा था। इधर, नगर कीर्तन में शामिल नौजवान सभा के सदस्य सफेद पेंट-शर्ट व केशरी पगड़ी में यातायात नियंत्रण कर रहे थे। वहीं स्त्री सतसंग सभी की सदस्यों ने सफेद सलवार कमीज व केशरी चुन्नी ले रखी थी।

पालकी साहिब में पंच प्यारे

पालकी साहिब में अकाली दल के पंच प्यारे जत्थेदार जरनैल सिंह, भाई गुरदीप सिंह, भाई रविन्दर सिंह, भाई हरजीत सिंह, भाई रविन्द्रपाल सिंह, भाई अमृतपाल सिंह व ग्रंथी सुखदेव सिंह खालसा मौजूद थे। वहीं नगर कीर्तन में कुल 15 अकाली दल के भाई साहब मौजूद थे।