ये हैं इस धंधे के सरगना

सिटी में होने वाली वसूली का पैटर्न अब थोड़ा बदल गया है। अब बड़े गैंग की बजाए छुटभैया क्रिमिनल्स की गतिविधियां थोड़ी बढ़ गयी हैं। इसका रीजन है हार्डकोर क्रिमिनल्स का जेल में रहना या फिर उनमें से कई की मौत गैंगवार में होना। इस सिचुएशन का फायदा उठाते हुए छोटे सरगना अपने आकाओं की सह पर वसूली के इस ध्ंाधे को बदस्तूर जारी रखे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो उनके आकाओं में   अखिलेश सिंह का नाम सबसे ऊपर है। अखिलेश गिरोह के गुर्गों का अब भी सिटी के कुछ एक एरियाज में दबदबा कायम है। नाम न पब्लिश करने की शर्त पर एक पुलिस ऑफिसर ने बताया कि सिटी के सिदगोड़ा, बारीडीह, एग्रीको व गोलमुरी एरिया के बिजनेसमैन सहित ट्रांसपोर्टरों से सबसे ज्यादा वसूली अखिलेश गिरोह को जाती है। इसके अलावा संतोष गुप्ता, रवि चौरसिया, विनोद खत्री सहित अन्य जो जेल में बंद हैैं की पैठ अबभी इस ध्ंाधे में बनी हुई है।

Transporters’ से प्रति किलो लोड पर 1 रुपए रंगदारी
इंफॉर्मेशन के मुताबिक ट्रांसपोर्ट बिजनेस से अखिलेश सिंह गिरोह के गुर्गों द्वारा प्रति किलोग्र्राम लोड पर रंगदारी वसूली जाती है। यह रकम पर किलोग्राम पर एक रुपए की दर से फिक्स है। इस हिसाब यदि अनुमान लगाया जाए तो हर महीने वसूली की  रकम लाखों में पहुंच जाती है क्योंकि इंडस्ट्रीयल टाउनशिप होने की वजह से जमशेदपुर में ट्रंासपोर्ट एक बड़ा ध्ंाधा है।

प्रोपर्टी के sale-purchase पर भी ली जाती है रंगदारी
सिटी में कारोबार से संबंधित लगातार बढ़ती गतिविधियों के कारण यहां माइग्रेटेड पॉपुलेशन की तादाद बढ़ी। उधर सीएनटी एक्ट के लागू होने के चलते जमीन व मकान की खुली खरीद-फरोख्त पर लगी रोक ने यहां प्रोपर्टी के बिजनेस को एक फास्टेस्ट ग्रोइंग बिजनेस बना दिया है। ऐसे में क्रिमिनल्स की इस धंधे पर नजर न हो यह कैसे संभव हो सकता है। यही वजह है कि क्रिमिनल्स व राजनीति से जुड़े कुछ लोगों ने इसे इन्वेस्टमेंट का एक बड़ा जरिया बना लिया है। इतना ही नहीं इस ध्ंाधे से उन्हें हर साल वसूली के तौर पर अच्छी खासी रकम जाती है जो करोड़ों में है। सिटी में  कई एरियाज ऐसे भी हैैं जहां घर बिकने पर एरिया के सो-कॉल्ड दबंग अपना कमीशन लेते हैं। इसमें से कुछ का जुड़ाव राजनीति से भी है।

सालाना 30 करोड़ से ज्यादा की  होती है वसूली  
डिफरेंट सोर्सेज से मिली इंफार्मेशन के मुताबिक सिटी से एवरी मंथ लगभग 2 से 2.5 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूली जाती है। इसमें क्रिमिनल्स के साथ ही सो कॉल्ड दबंग लोगों द्वारा ली जाने वाली रकम भी शामिल है। जानकारों के मुताबिक रंगदारी की रकम का सही-सही आकलन करना मुश्किल है, लेकिन सालाना लगभग 30 करोड़ या उससे ज्यादा हो सकती है।

क्रिमिनल्स को दूसरे जेलों में शिफ्ट करने की है तैयारी  
हाल के दिनों में सिटी में फिर से पैर पसार रहीं क्रिमिनल एक्टिविटीज को ध्यान में रखते हुए कुछ क्रिमिनल्स को स्टेट के दूसरे जेलों में शिफ्ट किए जाने की कवायद शुरू हो गयी है। इसी क्रम में अखिलेश सिंह को सिटी स्थित  घीघीडीह सेंट्रल जेल से दुमका सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जा चुका है। पुलिस से जुड़े लोगों की मानें तो अभी कुछ और हार्डकोर क्रिमिनल्स को स्टेट के दूसरे जेलों में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. 

'रंगदारी को लेकर जब तक हमारे पास कोई कम्प्लेन या इंफार्मेशन नहीं आती, हम कुछ नहीं कर सकते। किसी को रंगदारी के लिए धमकी देना भी क्राइम है, लेकिन इस बात की जानकारी मिलने पर ही पुलिस कोई कार्रवाई कर सकती है। अगर हमारे पास कोई कम्प्लेन आती है तो अवश्य एक्शन लिया जाएगा.'
-रिचर्ड लकड़ा एसएसपी, इस्ट सिंहभूम

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