JAMSHEDPUR: शहर में लगातार कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही साथ मास्क और सेनेटाइजर का कारोबार भी लगातार बढ़ता जा रहा है। पहले मास्क और सेनिटाइजर सिर्फ मेडिकल स्टोर में मिलते थे, लेकिन अब रोड किनारे भी मास्क और सेनेटाइजर बेचे जा रहे हैं। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। रोड किनारे बिकने वाले मास्क और सेनेटाइजर को न जाने कितने लोग छू रहे हैं। ऐसे में ये कोरोना के कैरियर बन सकते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गुरुवार को रोड किनारे मास्क और सेनिटाइजर बेचने वाले दुकानदारों का रियलटी चेक किया। इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

नकली कंपनी पर हुई थी कार्रवाई

शहर में खुले में बिक रहे सेनेटाइजर कितने सही हैं, यह कह पाना मुश्किल है। कुछ दिन पहले ही एक लोकल सेनेटाइजर कंपनी पर प्रशासन ने छापा मारा था और काफी मात्रा में नकली सेनेटाइजर बरामद किए थे। जिस सेनेटाइजर कंपनी का कभी नाम तक नहीं सुना गया उनके प्रॉडक्ट भी मार्केट में बिक रहे हैं।

मास्क देखा और चले गए

डिमना रोड किनारे एक दुकानदार खुले में मास्क टांगकर बेच रहा था। करीब 20 मिनट के अंदर उस दुकानदार के पास चार कस्टमर आए और मास्क को छूकर उलट-पलटकर देखा और ज्यादा दाम होने की बात कहकर बिना मास्क लिए ही चले गए। ऐसे कस्टमर्स में से कोई एक भी अगर पॉजिटिव निकल गया तो क्या खौफनाक मंजर होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दुकानदार ने भी मास्क पहना जरूरी नहीं समझा।

सोचा दो पैसे कमा लूं

मनगो पुल के पास सड़क किनारे एक टेबल पर मास्क और सेनेटाइजर रखकर एक दुकानदार बेच रहा था। 10 मिनट के अंदर एक कस्टमर आया और मास्क को छूकर देखा और चला गया। जैसे ही दुकानदार ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को फोटो लेते देखा तो दुकान पर एक बच्चे को बिठा दिया। पूछने पर बच्चा सेनेटाइजर की कंपनी का नाम भी नहीं बता पाया। बोला भईया सेनेटाइजर की कंपनी का नाम नहीं पता है। पास की दुकान में मिल रहा था, तो खरीद लिया सोचा कुछ पैसे कमा लूंगा।

पांच-सात लोग बेच रहे थे

एमजीएम हॉस्पिटल के पास सड़क के किनारे करीबन पांच-सात लोग मास्क और सेनेटाइजर बेच रहे थे। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम वहां करीब 15 मिनट तक रुकी। इस दौरान देखा कि कुछ लोग मास्क खरीदने आए और सिर्फ दाम पूछकर चले गए। एक-दो लोगों ने मास्क लिया भी, लेकिन ज्यादातर मास्क को उलट-पुलट कर देखकर ही चले गए।

छूकर ही कर रहे थे क्वालिटी का पता

साकची बजार में तो हर दो दुकान के बाद मास्क और सेनेटाइजर बिक रहा था। लोगों को समझना मुश्किल हो रहा था कि कौन सा मास्क अच्छी क्वालिटी का है और किसे खरीदने से कोरोनावायरस से बच सकते हैं। ज्यादातर लोग मास्क छूकर ही क्वालिटी का पता लगा रहे थे। यहां आधा घंटा रुकने पर पता चला कि ज्यादातर लोग मास्क का सिर्फ दाम ही पूछ रहे थे। एक-दो लोग ही इसकी खरीदारी कर रहे थे। ज्यादातर दुकानदार लोकल सेनेटाइजर ही बेच रहे थे।

गोलमुरी बाजार

गोलमुरी बाजार में जब हमारी टीम पहुंची तो वहां भी यही नजारा दिखा। सड़क पर खुले में बाइक पर रख कर एक आदमी मास्क बेच रहा था। करीबन 10 मिनट तक टीम वहां रुकी। इस दौरान देखा कि दो कस्टमर आए और मास्क को छूकर ही चले गए, किसी ने लिया नहीं।

लोग कोशिश करें कि मास्क और सेनेटाइजर मेडिकल शॉप या फिर किसी अच्छी दुकान से ही खरीदें। कपड़े वाला मास्क घर पर बना सकते हैं। यदि आप सड़क किनारे की दुकान या कहीं और से ले रहे हैं तो उसको कभी भी तुरंत यूज नहीं करना चाहिए। मास्क को गर्म पानी से धोने के बाद आयरन करके ही पहनें। यही इसका सेफ तरीका है।

डॉ महेश्वर प्रसाद

सिविल सर्जन, ईस्ट सिंहभूम