जमशेदपुर (ब्यूरो): एसडीओ पीयूष सिन्हा सोमवार को कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल का जायजा लिया। सबसे पहले वे इमरजेंसी विभाग पहुंचे और स्थित को देखा। निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने पाया कि बाहर में जहां-तहां वाहनें खड़ी हैं। इसे देख एसडीओ भडक़ गए। उन्होंने होमगार्ड के जवानों को फटकार लगाते हुए पार्किंग के बजाए जहां-तहां गाड़ी पार्क करने पर आपत्ति जताई और तत्काल पर इसपर ध्यान देने को कहा। इसके बाद जब वे अंदर गए तो वहां गंदगी पसरी देख भडक़ गए। इतनी ही नहीं, मरीजों के जूठे प्लेट इमरजेंसी विभाग के पीछे फेंके मिले। इसपर उन्होंने नाराजगी जताई।

फर्श पर लेटे मिले मरीज

वे विभाग की स्थिति देखते हुए आगे बढ़ ही रहे थे तो फर्श पर मरीजों को लेटे देख रूक गए। उन्होंने मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने पर आश्चर्य जताया। अभी वे इस तरह की स्थिति से उबर भी नहीं पाए थे कि थोड़ा आगे शौचालय के समीप एक मरीज बेड पर भर्ती दिखा। वहां उसकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। वहां पंखा भी नहीं था और मरीज गर्मी से बेहाल था। इसके बाद तो एसडीओ ने आपा खो दिया और अधीक्षक डा। रवींद्र कुमार को मौके पर बुलाकर स्थिति की जिम्मेवारी तय करने और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर सख्ती के साथ कार्रवाई करने को कहा। इस दौरान राजीव बनर्जी, अमरनाथ सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

सफाई की फाइल की तलब

अस्पताल में गंदगी और साफ-सफाई की व्यवस्था सही नहीं होने पर एसडीओ ने नाराजगी जताई। पूछताछ में पता चला कि अस्पताल की सफाई पर करीब 32 लाख रुपए खर्च होते हैं। एसडीओ ने कहा कि इतने रुपये खर्च होने के बाद भी गंदगी पसरी हुई है। इतने रुपये में तो अस्पताल 24 घंटे पूरी तरह से चकाचक होगा। उन्होंने अस्पताल की बदहाल स्थिति देख साफ-सफाई से संबंधित पूरी फाइल तलब की है। इसके साथ ही एसडीओ ने एमजीएम अधीक्षक के साथ बैठक कर अस्पताल की पूरी व्यवस्था देखने को लिए एक निगरानी कमेटी बनाने की जरूरत बताई। इस कमेटी में डॉक्टर से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी शामिल करने को कहा।