मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो, राधेराधेराधेबरसाने वाले आ गए, अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दोकि दर पे सुदामा गरीब आया है, मधुवन में जब चुपके से कोई कान्हा से मिलेतो राधा कैसे न जले
थर्सडे को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में सिटी में ऐसे ही भक्ति गीत बज रहे थे। चारों ओर जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली। स्कूलों में भी धूमधाम से इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट किया गया। यूथ की भी बढ़-चढ़ कर भागीदारी देखने को मिली। राधा-कृष्ण मंदिरों में पूजा की थाली लिए दिनभर यूथ का आना लगा रहा। काफी संख्या में यूथ शाम की आरती में भी शामिल  हुए। सभी ने भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की और जीवन में सफलता का आशीर्वाद मांगा।

सजाए गए थे मंदिर
सिटी के राधा-कृष्ण मंदिरों की सजावट देखते बन रही थी। मंदिरों को इलेट्रिक बल्बों से अट्रेक्टिव तरीके से सजाया गया था। सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर, परमहंस लक्ष्मी नारायण मंदिर, बिष्टुपुर, रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर, रंकणी मंदिर, कदमा, सोनारी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर, मानगो स्थित श्रीकृष्ण मंदिर समेत सिटी के दूसरे मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।

12 @ night
घड़ी की सुई ने जैसे ही रात 12 बजने का इशारा किया। राधा-कृष्ण मंदिरों में शंख, घंटी, घडिय़ाल की आवाज से आसपास का माहौल गूंज उठा। जैसे ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ भजन और आरती से वातारण भक्तिमय हो उठा। भक्त राधेश्यामराधेश्यामकरने लगे।
स्कूलों में मनी जन्माष्टमी
डिमना स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में थर्सडे को बड़े धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी सेलिब्रेट किया गया। प्रोग्राम की शुरुआत भागवत गीता के श्लोक से की गई। मौके पर स्टूडेंट्स ने भजन और भगवान श्रीकृष्ण के बचपन पर आधारित ड्रामा प्रेजेंट किया। स्कूल प्रिंसिपल धनंजय पान ने कहा कि हमें भगवान कृष्ण की तरह एक कर्मयोगी के रूप में हमेशा अपना काम करते रहना चाहिए। हर मोड़ पर भगवान कृष्ण के दिए गए सिद्धांतों से सीख लेनी चाहिए।

बच्चों ने धरा श्रीकृष्ण का रूप
माउंट लिट्राजी स्कूल में थर्सडे को नन्हे-मुन्नों ने जन्माष्टमी सेलिब्रेट किया। इस दौरान बच्चों ने मटकी फोड़ी। इसमें काफी लोग शामिल हुए। कई बच्चों ने श्रीकृष्ण का बाल रूप धरा था। इस तरह की वेशभूषा में वे काफी अट्रेक्टिव लग रहे थे। बच्चों के साथ-साथ पैरेंट्स और उनके टीचर्स ने भी प्रोग्राम को खूब    एंज्वाय किया।