जमशेदपुर (ब्यूरो): सिटी में कुछ समाजसेवी महिलाएं लावारिस जानवरों को चावल बनाकर भोजन उपलब्ध करवा रही हैं। वे सभी चावल के साथ सोयाबीन या चिकेन मिलाकर डॉग्स को खिलाती हैं। इसका मकसद भोजन की तलाश में भटक रहे जानवरों को बचाना और सडक़ पर वाहनों की चपेट में आने से रोकना है। इसे लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में डॉग लवर अनवरी बेगम कहतीं हैं कि उनके जैसी कई दूसरी महिलाएं और स्टूडेंट्स हैं जो लावारिस डॉग्स के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पॉकेट मनी का उपयोग करते हैं, लेकिन हमेशा इसमें परेशानी होती है। कहीं से भी कोई सहयोग नहीं मिलता।

कई बार होते हैं दुर्घटना के शिकार

हालांकि इसके बावजूद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जानवरों को भोजन को लेकर काफी परेशानी हो रही है। कई बार भोजन न मिलने के कारण वे रास्तों पर भटकते हुए वाहन के नीचे आ जाते हैं। कई जानवर भूख और प्यास के कारण बीमार हो जाते हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता।

चावल मुहैया कराने की मांग

इसे देखते हुए अनवरी बेगम अंसारी, श्वेता कुमारी, पंपा दत्ता, दीपा आदि ने ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट के विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपकर अनुदानित दर पर चावल मुहैया कराने की मांग की है।

शहर की महिलाएं हैं टीम में

उनकी टीम में गोलमुरी और सोनारी सहित विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं हैं। वे सभी कुत्ता और बिल्ली को भोजन खिलाते हैं। वे कहती हैं कि कोरोना में होटल आदि बंद था तो खुद से पैसा लगाकर चावल सोयाबीन, चिकन बनाकर बांटते रहे। लेकिन थोड़ी परेशानी हो रही है, ऐसे में अगर चावल उपलब्ध हो जाए तो थोड़ी राहत मिलेगी। कई वर्षों से चावल का भोजन बनाकर कुत्तों का पेट भरने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए चावल की ज्यादा आवश्यकता है। मानवता के नाम पर अगर चावल उपलब्ध करा दी जाती है तो आसानी से लावारिस जानवरों का पेट भरा जा सकेगा।

अनवरी बेगम, डॉग लवर

भूख लगने के कारण कुत्ते भोजन के लिए सडक़ पर भटकते हैं। इस कारण कई बार सडक़ दुर्घटना में उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में अगर चावल आसानी से उपलब्ध हो जाए तो परेशानी दूर हो सकती है।

सुनील गुप्ता, उप मुखिया