CHAIBASA/ JAMSHEDPUR: कोल्हन यूनिवर्सिटी (केयू) के वीसी व एग्जामिनेशन कंट्रोलर का घेराव गुरुवार को किया और साथ में मांगपत्र भी सौंपा। पीजी फोर्थ सेमेस्टर के इंटरनल मा‌र्क्स में कम देने के कारण केयू के पीजी इतिहास विभाग के अधिकतर विद्यार्थियों को फेल कराया गया। जबकि छात्र-छात्राओं ने थ्योरी में पास होने के बाद भी इंटरनल मा‌र्क्स विभाग द्वारा कम मा‌र्क्स देने से अधिकतर विद्यार्थियों फेल हुए हैं। इस पर छात्र संघ के पुरजोर विरोध करते करते हुए अविलंब समस्या का समाधान की मांग की। विश्वविद्यालय सचिव का कहना है कि विभागाध्यक्ष की इस प्रकार की लापरवाही हरगिज नहीं सहेगा। टाटा कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष उदय मुर्मू का कहना है कि विभाग के द्वारा इस प्रकार की लापरवाही होना एवं इंटरनल मा‌र्क्स सही से न देना विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ¨चता का विषय है। इस पर विभाग रिमा‌र्क्स करें अन्यथा छात्र संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा। इस मौके पर कोल्हान विश्वविद्यालय छात्रसंघ सचिव सुबोध महाकुड़, टाटा कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष उदय मुर्मू, सचिव पिपुन बारिक, पीजी विभाग छात्रसंघ अध्यक्ष सनातन ¨पगुआ विवि प्रतिनिधि दुम्बी गागराई, अभिमन्यु, मनमोहन राउत सहित अन्य विद्यार्थी उपस्थित थे।

नई शिक्षा नीति के विरोध में साकची में निकाला मौन जुलूस

जमशेदपुर शहर के विभिन्न सामाजिक एवं छात्र संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर चौक, साकची से बिरसा चौक, साकची तक नई शिक्षा नीति के विरोध में मौन जुलूस निकाला। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य है कि देश के बेहतर भविष्य के मद्देनजर, शिक्षा के व्यवसायीकरण के विरुद्ध, मुफ्त व सामान शिक्षा सबको एक समान मिले। वक्ताओं ने कहा कि निश्चित तौर पर नई शिक्षा नीति देशी-विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में लिया गया फैसला है। अन्यथा इतना महत्वपूर्ण निर्णय आनन-फानन में महामारी के दौरान में नहीं लिया जाता बल्कि इसकी चर्चा दोनों सदनों में होती, राज्यों को विश्वास में लिया जाता और फिर इसे पारित किया जाता। कार्यक्रम के अंत में भारत के संविधान की प्रस्तावना की शपथ ली गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच, झारखंड शिक्षा आंदोलन संयोजन समिति, लेफ्ट यूनिटी, एआईएसएफ झारखंड शिक्षा संघर्ष समिति, झारखंड जनतांत्रिक महासभा, बिरसा सेना, जागो, जोश, एआईडीएसओ, रविदास समाज, मुंडा समाज, भीम आर्मी आदि ने महत्वपूर्ण योगदान हुआ।