JAMSHEDPUR: टाटा हिताची में कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन अब सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) के आधार पर होगा। प्रबंधन-यूनियन के बीच इस दिशा में वार्ता शुरू हो गई है। हाल ही में कंपनी प्रबंधन व यूनियन के बीच लगातार दो दिनों तक हुई वार्ता में ये बातें उभर कर सामने आई हैं। हालांकि टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रबंधन ने अपना प्रस्ताव दिया है लेकिन कर्मचारी हित में जो बेहतर होगा उस पर ही समझौता होगा।

लंबित है एक अप्रैल से

कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन बीते एक अप्रैल 2018 से लंबित है। चार साल पूर्व यहां का ग्रेड रिवीजन 2014 के बजाय एक साल बाद 2015 में हुआ था। अगले ग्रेड की समय-सीमा क्या होगी यह तय नहीं है, लेकिन सीटीसी आधारित ग्रेड होगा इसकी पूरी संभावना है। इसमें कर्मचारियों के कुल आय पर कुछ फीसद बढ़ोतरी कर समझौता किया जाएगा। मदर प्लांट होने के नाते यहां के ग्रेड रिवीजन के आधार पर ही अन्य प्लांटों में उसे लागू किया जाएगा। इधर कंपनी को खड़गपुर स्थानांतरण करने की प्रक्रिया शुरू है। टाटा हिताची के जमशेदपुर प्लांट में कर्मचारियों को जो भत्ते या सुविधा मिलती हैं वह अन्य संयंत्रों में नहीं मिलती है। टाटा हिताची के खड़गपुर, धारवाड़, सर्विस सेंटर आदि स्थानों में मेडिकल, आवास, शिक्षा जैसी सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में कंपनी स्थानांतरण के बाद कुछ समय बाद इन सभी सुविधाओं का समाप्त होना तय है। ऐसे में प्रबंधन इन सुविधाओं व अन्य भत्ते में होने वाले खर्च को जोड़ते हुए कर्मचारियों को एक मुश्त राशि देने की बात कर रही है। समझौते में बहुत सी भत्ते को हटाकर एक मुश्त राशि देने का प्रस्ताव आया है।

मिलेगी एडवांस राशि

अगर सीटीएस के आधार पर ग्रेड रिवीजन हुआ तो कर्मचारियों को किस्तवार एडवांस के तौर पर राशि दी जाएगी। कर्मचारियों के कुल वेतन पर फीसद में बढ़ोतरी की जाएगी। मान लिया जाय कि कुल आय पर 20 फीसद बढ़ोतरी करना है तो चार साल के लिए समझौता हुआ तो प्रत्येक साल 5-5 फीसद राशि बढ़ाकर मिलेगी। हालांकि यूनियन उक्त समझौते पर तैयार नहीं है। यूनियन अध्यक्ष व महामंत्री किसी से इस संबंध में बात नहीं हो सकी। हालांकि सीटीसी आधारित ग्रेड समझौते को लेकर काफी चर्चा है।

क्या है 'सीटीसी'

कर्मचारियों को मिलने वाले प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ का आकलन ही सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) है। कंपनी को एक कर्मचारी पर सालाना कितनी खर्च करती है उसकी जानकारी सीटीसी में रहती हैं। कुल वेतन के अलावे कर्मचारियों के पीएफ, ग्रेच्यूटी, आवास भत्ता, मेडिकल, सुपरएनुवेशन स्कीम, स्कूल भत्ता, फेस्टिवल एलाउवेंस आदि कई भत्ते को कंपनी जोड़ती हैं। कंपनी उक्त सभी राशि को जोड़ने के बाद समझौते करती है।