जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन गुरुवार को कथा वाचक हिमांशु महाराज ने ठाकुर जी की मनमोहक झांकी की प्रस्तुति के बीच श्री बाल कृष्ण की अनेकों बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि व्रज में तीन उत्सव क्रमश: जन्मोत्सव, नंदोत्सव, गोकुल उत्सव मनाये जाते हैं। इस अवसर पर भगवान गोवर्धन महाराज की झांकी का दर्शन कराया गया। साथ ही भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराये गये। उन्होंने गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।

कथा व्यास ने कहा कि गोपियों के बुलाने पर कृष्ण अपने सखाओं के साथ माखन चुराने के लिए गोपियों के यहां जाते थे। भगवान ने माखन चोरी लीलाओं के जरिए गोपियों के साक्षात्कार प्रेम को जागृत किया। भगवान ने कलिया नाग का उद्धार किया।

विस्तार से सुनाई कथा

मथुरा से आये कथा वाचक ने आगे गोवर्धन पूजा एवं इन्द्र के मान मर्दन की दिव्य कथा विस्तार से सुनाई। कहा कि भगवान ने इंद्र की पूजा बंद करवाकर श्री गोवर्धन की पूजा ब्रज वासियों से प्रारंभ करवायी। इसे अपना अपमान समझ इंद्र क्रोधित हुए और सात दिन - सात रात वृज के उपर घनघोर वर्षा की। वृजवासियों की रक्षा के लिए हेतु भगवान ने जय श्री राधे कहकर अपनी छोटी उंगली पर श्री गोवर्धन पर्वत धारण कर लिया और सभी वृजवासियों की रक्षा की और इंद्र के अहंकार को नष्ट किया। भगवान ने श्री गोवर्धन महाराज को वहीं पर स्थापित कर दिया।

इनकी रही मौजूदगी

पांचवें दिन यजमान के रूप में संत कुमार विजय कुमार अगीवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, कुंज बिहारी नागेलिया, राजेश नागेलिया, उमेश महेश संघी मौजूद थे। गरुवार को संत कुमार विजय कुमार अगीवाल की तरफ से प्रसाद का आयोजन किया गया था। छठवें दिन शुक्रवार को कथा वाचक द्वारा रूक्मणी मंगल और सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया जायेगा। इस मौके पर प्रमुख रूप से उमेश साह, संतोष संघी, सुरेश अगीवाल, सुभाष मूनका, सत्यनारायण नरेड़ी, अशोक नरेड़ी, नारायण भाउका समेत अन्य मौजूद थे।