JAMSHEDPUR: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में कोरोना मरीजों के इलाज में नियम का पालन हो रहा या नहीं, इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन डॉ। आरएन झा ने एक टीम गठित किया है। टीम में जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ। एके लाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ। आरएन शर्मा व डॉ। विमलेश कुमार शामिल हैं। 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट तैयार कर मांगी गई है। ताकि उसे डीसी को सौंपा जा सकें। ये टीम टीएमएच में हुई अबतक मृत्यु के संबंध में एक तथ्यात्मक रिपोर्ट भी तैयार करेगी। टीएमएच में अब तक कोरोना से 33 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो मरीजों की मौत महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई है।

डीसी ने लिखा है लेटर

26 जुलाई को ईस्ट सिंहभूम के डीसी सूरज कुमार ने सिविल सर्जन डॉ आरएन झा को पत्र लिखकर कहा है कि टीएमएच कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित है। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण से संक्रमित मरीजों का इलाज उक्त अस्पताल में चल रहा है। इलाज के क्रम में कई मरीजों की कोरोना वायरस से मृत्यु हो चुकी है। अत: टीएमएच में इलाज के क्रम में वायरस के इंफेक्शन को फैलने से रोकने हेतु इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का अनुपालन हो रहा है अथवा नहीं।

भुइयांडीह में कोरोना से एक की मौत

शहर में कोरोना से मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मंगलवार को भी टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में एक मरीज की मौत हो गई। भुइयांडीह निवासी 82 वर्षीय पुरुष को छाती में दर्द व कफ की शिकायत होने पर 26 जुलाई को उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया था। दूसरे दिन कोरोना जांच करायी गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उनकी स्थिति लगातार बिगड़ते गई। इसे देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाया गया, जहां पर सोमवार की देर रात उनका निधन हो गया। टीएमएच व एमजीएम में अब तक कुल 36 मरीजों की मौत हो चुकी है।

दो शवों का हुआ अंतिम संस्कार

भुइयांडीह स्थित स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर कोरोना संक्रमित दो व्यक्ति के शव का मंगलवार को अंतिम संस्कार हुआ। इसमें एक भुइयांडीह और दूसरा बर्मामाइंस के व्यक्ति का शव था। भुइयांडीह के व्यक्ति का निधन भी सोमवार को रात करीब 10.30 बजे हुआ था। दोनों पुरुष की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी और वे अन्य गंभीर बीमारी के मरीज थे। उधर, बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में बिजली का फर्नेस बंद रहने से मंगलवार को स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर 24 अन्य शवों का अंतिम संस्कार किया गया। घाट प्रबंधन ने कहा कि कोरोना से इतर मौत वाले शवों का दाह संस्कार सुबह सात से शाम चार बजे तक किया जाएगा। वैसे लकड़ी पर दाह संस्कार कराने वाले कभी भी आ सकते हैं। पार्वती घाट का विद्युत शवदाह गृह 30 जुलाई तक बंद रहेगा।