JAMSHEDPUR : कोरोना काल के बावजूद टाटा मोटर्स की वाहनों का मांग बढ़ना कंपनी के लिए सुखद संकेत है। अगस्त महीने में जहां जमशेदपुर स्थित प्लांट में 2350 वाहन बनाए गए हैं वहीं सितंबर में तीन हजार वाहन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। लॉकडाउन के बाद जहां एक दिन से 50 से 60 वाहन बनाए जाते थे, वह बढ़कर अब एक सौ तक पहुंच गया है। यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है। कोरोना काल के पहले तक यहां प्रतिदिन 350 से लेकर 400 तक वाहन बनाए जाते थे। ऐसे में फिलहाल उत्पादन 40 फीसद तक ही पहुंच पाया है। इधर सेना वाहन बनाने का भी ऑर्डर मिला है। बीएस सिक्स मॉडल के वाहनों की मांग बाजार में काफी मांग है।

अस्थायी कर्मियों को मिलने लगे काम

उत्पादन बढ़ने का सीधा असर यहां के अस्थायी कर्मियों पर पड़ता है। तीन हजार से ज्यादा बाई सिक्स कर्मचारी (अस्थायी कर्मी) काम पर हैं, जबकि शेष को इस माह से काम मिलने की उम्मीद है। लॉकडाउन के बाद अस्थायी कर्मियों को काम नहीं मिल रहा था। कंपनी के स्थायी कर्मचारी ही उत्पादन कार्य में लगे हुए थे, लेकिन इधर कंपनी की उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ अस्थायी कर्मियों की वापसी होने लगी है। रोटेशन के आधार पर अस्थायी कर्मियों को काम पर बुलाया जा रहा है। अगले महीने तक काम से बैठे सभी अस्थायी कर्मचारियों को काम पर बुला लिया जाएगा। कंपनी में अस्थायी कर्मियों की संख्या करीब 4700 है।

प्रबंधन संग मिलकर निकालेंगे रास्ता : यूनियन

टाटा स्टील में 12 घंटे की शिफ्ट ड्यूटी पर दो दिन की खामोशी के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन के शीर्षस्थ नेतृत्व ने शनिवार को संयुक्त बयान जारी किया। अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अर¨वद पांडेय व महासचिव सतीश कुमार सिंह के हस्ताक्षरयुक्त इस बयान में कहा गया है कि 12 घंटे ड्यूटी का ट्रायल कुछ विभागों में किया जा रहा है। प्रबंधन और यूनियन ने सदैव बातचीत करके ही हमेशा कुछ रास्ता निकालती है और सभी के हितों की रक्षा की है। आने वाले दिनों में 12 घंटे शिफ्ट ड्यूटी की खूबियां और कमियां, दोनो पर विचार करके प्रबंधन से बात कर टाटा वर्कर्स यूनियन इस पर पुन: विचार करेगी।