JAMSHEDPUR: झारखंड के किसी भी जिले के अस्पताल में इतनी बेड की संख्या नहीं है जितनी टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) की है। यहां कोविड मरीजों के सबसे ज्यादा 60 वेंटीलेटर है इसके कारण ही यहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हुए इसलिए टीएमएच में मौत के आंकड़े दूसरे अस्पतालों से ज्यादा है। टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार सह निवर्तमान महाप्रबंधक डॉ राजन चौधरी ने शनिवार को टेली कांफ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी। टीएमएच में अब तक 282 मरीजों की मौत हो चुकी है।

डॉ। चौधरी ने कहा कि टीएमएच जिस तरह से कोविड मरीजों का इलाज कर रहा है, ऐसा झारखंड में कोई दूसरा अस्पताल नहीं है। वहीं, उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि अब तक टीएमएच में 3125 कोविड से संक्रमित मरीज भर्ती जबकि 2543 स्वस्थ हुए। ऐसे में टीएमएच की रिकवरी रेट 81.12 प्रतिशत है जो देश की औसत 79 प्रतिशत और झारखंड के औसत 78 फीसदी से बेहतर है। वहीं, मौत के आंकड़ों पर उन्होंने कहा कि टीएमएच में भर्ती मरीजों के अनुपात में उनकी मृत्यु दर 6.09 है, जो दूसरे अस्पतालों की तुलना में काफी बेहतर है।

इलाज के तरीकों की सराहना

टीएमएच की मौत के बढ़ते आंकड़ों के कारण अब तक तीन बार जांच टीम ने अस्पताल का दौरा कर रही है। शुक्रवार को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन व झारखंड सरकार की संयुक्त टीम ने टीएमएच का दौरा किया था। इस पर सफाई देते हुए डॉ। चौधरी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ व स्वास्थ्य विभाग की जो टीम आई थी, उन्होंने टीएमएच के इलाज के तरीकों की सराहना की। उन्होंने सफाई, डॉक्टर व नर्स की संख्या की भी तारीफ की। हम कोविड और नॉन कोविड मरीजों का किस तरह से इलाज कर रहे हैं, यह देखकर टीम के सदस्य काफी खुश हुए और हमसे काफी कुछ सीखकर टीम संतुष्ट होकर गई है।

घट रहे हैं संक्रमित

टेली कांफ्रें¨सग में डॉ। चौधरी ने लौहनगरी में घटते कोरोना मरीजों की संख्या में प्रसन्नता जाहिर की। कहा कि पिछले दो सप्ताह से टीएमएच में संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। दो सप्ताह पहले 272 मरीज और पिछले सप्ताह 258 मरीज भर्ती हुए थे। तुलनात्मक रूप से देखे तो इस सप्ताह 243 मरीज भर्ती हुए हैं। स्थिति ऐसी ही रही और एसिम्टोमैटिक मरीजों को क्वारंटाइन करने की प्रक्रिया जारी रही तो उम्मीद है कि आंकड़े और बेहतर होंगे। उन्होंने बताया कि पहले आइटी-पीसीआर टेस्ट में 30 प्रतिशत लोग संक्रमित निकलते थे जो अब घटकर 18.41 और रैपिड एंटीजन टेस्ट में दो सप्ताह पहले नौ प्रतिशत से घटकर 6.9 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच चुका है।

हम नहीं कर रहे किसी को संक्रमित

कई बार आरोप लगे हैं कि मामूली दुर्घटना या ब्लड प्रेशर से कोई मरीज पहले निगेटिव था, टीएमएच में भर्ती होने के बाद वे पॉजिटिव हो गए। इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ। चौधरी ने कहा कि टीएमएच किसी को संक्रमित नहीं कर रहा है और उन्हें ऐसा करने में क्या फायदा? लेकिन जो मरीज अस्पताल आते हैं उनका पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट होता है। यदि मरीज पॉजिटिव है तो वह पॉजिटिव माना जाता है, लेकिन निगेटिव है तो संभवत: चार-पांच दिन बाद वह पॉजिटिव भी हो सकता है क्योंकि मरीज कितना गंभीर है कितना संक्रमण लेकर अस्पताल में भर्ती हुआ है, यह उसके स्तर पर निर्भर करता है। वहीं, जमशेदपुर में कोरोना सामुदायिक फैलाव की ओर बढ़ चला है क्या। इसका जवाब देते हुए डॉ। चौधरी ने कहा कि इसका जवाब स्थानीय जिला प्रशासन ही दे सकती है।

तो हो जाएं क्वारंटीन

एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ। चौधरी ने बताया कि किसी को वायरल बुखार है या कोरोना का संक्रमण। यह जानने के लिए जरूरी है कि जब भी किसी को सर्दी, खांसी या बुखार हो तो वे खुद को परिवार से अलग होकर क्वारंटीन हो जाएं। दो दिन तक भी जब बुखार नहीं उतरे तो डॉक्टर से सलाह लें। वे ही तय करेंगे कि उनका बुखार वायरल है या कोविड-19 का संक्रमण। बुखार होने पर बाजार, ऑफिस या भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से भी बचना चाहिए।

आंकड़े बेहतर लेकिन एहतियात जरूरी

टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने कहा कि शहर के आंकड़े भले ही बेहतर हैं लेकिन हम सभी शहरवासियों को अभी भी एहतियात बरतना जरूरी है, क्योंकि कोरोनावायरस का संक्रमण चरणबद्ध तरीके से फैलता है। हम इस समयच्संक्रमण के उच्चतम स्तर की ढलान पर हैं, लेकिन हम सभी को अभी भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क पहनना है और बार-बार हाथ धोने हैं।