छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में पिछले चार सप्ताह से भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कमी आई है। रिकवरी रेट भी 81.12 प्रतिशत से बढ़कर 82.38 प्रतिशत हो चुका है। लेकिन वैश्विक स्तर पर देखा गया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो सकती है, इसलिए हम सभी को एहतियात बरतना जरूरी है। मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नहीं जाना और बार-बार हाथ धोना हमें अपनी आदतों में शामिल करना होगा। टीएमएच के मेडिकल एडवाइजर डॉ। राजन चौधरी ने शनिवार शाम टेली कांफ्रें¨सग में यह जानकारी दी।

एहतियात बरतना जरूरी

उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर यह शोध का विषय है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर कितनी खतरनाक हो सकती है, लेकिन हम सभी को एहतियात बरतना जरूरी है। इसलिए हम अपने ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ा रहे हैं। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि बाहर निकलने पर नियमित रूप से मास्क पहने। घर पर एयर कंडीशन का इस्तेमाल नहीं करें। खुली हवा में रहने से संक्रमण का खतरा कम रहेगा। डॉ चौधरी ने बताया कि पिछले सप्ताह में 246 के मुकाबले इस सप्ताह 201 मरीज भर्ती हुए जबकि पिछले सप्ताह 246 के मुकाबले इस सप्ताह 217 मरीज डिस्चार्ज हुए। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर कोरोना संक्रमच के उच्चतम स्तर से धीरे-धीरे नीचे उतर रहा है। डॉ। चौधरी ने बताया कि शहर में पॉजिटिविटी रेट में भी कमी आई है। आरटी-पीसीआर 30 फीसदी से घटकर 18 और रैपिड एंटीजन टेस्ट 9 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में 5.19 फीसदी पर पहुंच गया है।

विश्वास एप से मिलेगी जानकारी

डॉ। चौधरी ने बताया कि कोविड मरीजों की जानकारी देने के लिए टीएमएच में 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जहां डॉक्टर अपने आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान हर मरीज का पूरा विवरण लिखते हैं। अब यह जानकारी संबधित मरीजों के परिजनों को टीएमएच विश्वास एप की मदद से भी मिल पाएगा। इसके लिए एप को अपडेट किया जा रहा है ताकि गैर कंपनी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सके। जल्द ही अपडेट एप की शुरूआत की जाएगी।

बॉडी नहीं रोक सकते

टीएमएच में पिछले दिनों एक मरीज की मौत के बाद कोविड निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर परिजनों का शव दे दिया गया, लेकिन जैसे ही लोग पार्थिव शरीर को लेकर जुगसलाई पहुंचे तो बताया गया कि मरीज पॉजिटिव था, पार्थिव शरीर को वापस अस्पताल लेकर आए। इसका जवाब देते हुए डॉ। चौधरी ने बताया कि संबधित मरीज को भर्ती करने के समय रैपिट एंटीजन टेस्ट में निगेटिव पाया गया। लेकिन बाद में आरटी-पीसीआर टेस्ट लिया गया। जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है। सरकार का निर्देश है कि मृत के शरीर को रिपोर्ट के इंतजार में रोकना नहीं है इसलिए परिजनों को मृतक का शरीर दे दिया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में सभी ध्यान रखे कि वे मृतक के शरीर से कम से कम दूरी बनाए रखें।

डॉक्टर, नर्स व स्टॉफ लगाएंगे स्टीकर

टीएमएच के मेडिकल एडवाइजर ने बताया कि कोविड वार्ड में सीमित संख्या में डॉक्टर, नर्स व सफाई कर्मचारी कार्यरत रहते हैं। लेकिन सभी पीपीइ किट पहने रहते हैं इसलिए मरीजों को पता नहीं चलता है कि कौन डॉक्टर है और कौन सफाई कर्मचारी। इसलिए जल्द ही सभी डॉक्टर, नर्स व सफाई कर्मचारी पीपीइ किट के ऊपर अपने पेशे से संबधित स्टीकर लगाएंगे ताकि उनकी पहचान हो सके। उन्होंने बताया कि कोविड वार्ड में डॉक्टर व नर्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। एक साथ सभी डॉक्टर व नर्स की संख्या बढ़ाने से वे पॉजिटिव हो गए तो अस्पताल ही बंद हो जाएगा।

एचआर सिटी के लिए देने होंगे पैसे

डॉ। राजन चौधरी ने बताया कि जो भी कोरोना पॉजिटिव है और वे टीएमएच में भर्ती होते हैं उन्हें अस्पताल में उपलब्ध सभी सुविधाएं निशुल्क प्राप्त होंगी, लेकिन जो सुविधाएं उनके पास नहीं है उसके लिए पैसे देने होंगे। फेफड़े के संक्रमण का पता लगाने के लिए टीएमएच में इन दिनों एचआर सिटी टेस्ट के लिए 4950 रुपये मरीजों से लिए जा रहे हैं। इसका जवाब देते हुए डॉ। राजन ने यह जानकारी दी।