-आज है International Nurses Day

--Nurses की कमी की वजह से उठानी पड़ती है कई गुणा ज्यादा जिम्मेदारियां

JAMSHEDPUR : अगर किसी व्यक्ति को दो आदमियों के काम की जिम्मेदारी दे दी जाए तो शायद जिम्मेदारी पूरी करने में उसके पसीने छूट जाएं, ऐसे में अगर तीस लोगों का काम अकेले करना पड़े तो उसकी हालत समझी जा सकती है। सिटी में मौजूद एमजीएम हॉस्पिटल की नर्सेज पिछले कई सालों से काम के कुछ ऐसे ही प्रेशर को झेल रही हैं।

ये कैसी व्यवस्था

एमजीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट में हर वक्त औसतन 80 से 100 पेशेंट एडमिट रहते हैं। इंडियन नर्सिग काउंसिल (आईएनसी) के अनुसार मेडिकल कॉलेजेज में नर्स-पेशेंट रेशियो 1:3 होना चाहिए। पर एमजीएम के मेडिसिन डिपार्टमेंट में सौ पेशेंट्स की देखभाल की जिम्मेदारी एक नर्स पर है। जी हां, एक शिफ्ट में यहां सिर्फ एक नर्स को सभी पेशेंट्स के देखभाल की जिम्मेदारी दी जाती है। कुछ ऐसी ही हालत दूसरे डिपार्टमेंट्स की भी है। हॉस्पिटल के पेडियाट्रिक वार्ड में करीब 40 बेड हैं, जिसमें 35 से ज्यादा पेशेंट एडमिट रहते हैं। पर यहां भी इतने पेशेंट्स की देखभाल की जिम्मेदारी सिर्फ एक नर्स पर रहती है। ऐसे में इन वा‌र्ड्स की जिम्मेदारी संभाल रही नर्सेज की हालात का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।

53 nurses के भरोसे चल रहा hospital

आज इंटरनेशनल नर्स डे है। आज के दिन पूरी दुनिया नर्सेज की सेवा भावना को सलाम करती है। पर एमजीएम हॉस्पिटल में मौजूद नर्सेज की हालत कुछ और ही बयां करती हैं। हॉस्पिटल में नर्स के फ्7म् सैंक्शंड पोस्ट हैं पर फिलहाल यहां सिर्फ भ्फ् नर्स पोस्टेड हैं। सैंक्शंड पोस्ट के हिसाब से भी हॉस्पिटल में हर नर्स को सात नर्सेज की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। हॉस्पिटल की नर्स पी इंद्रा कुमार ने कहा कि पेशेंट्स की संख्या ज्यादा होने कि वजह से जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है, पर जरूरत को देखते हुए किसी भी तरह इस जिम्मेदारी को पूरा करना पड़ता है। एक अन्य नर्स मनोरमा कुमारी ने भी ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा की कई बार फ्0 या उससे ज्यादा पेशेंट को अकेले देखना पड़ता है। इसके अलावा पेपर वर्क का भी लोड रहता है। हॉस्पिटल में वार्ड ब्वाय और दूसरे मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए कई बार नर्सेज को दूसरी जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती है।

एक शिफ्ट में सिर्फ एक नर्स की ही ड्यूटी होती है। ऐसे में वर्कप्रेशर काफी ज्यादा होता है। कई वा‌र्ड्स में तो पेशेंट्स की संख्या क्00 से ज्यादा तक पहुंच जाती है फिर भी किसी तरह सबकुछ संभालना पड़ता है।

-मनोरमा कुमारी, नर्स

पूरे वार्ड की जिम्मेदारी सिर्फ एक नर्स पर रहती है। कई बार पेशेंट्स की संख्या क्00 तक पहुंच जाती है। ऐसे में वर्कप्रेशर तो काफी रहता है फिर भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी करते हैं।

-पी इंद्रा कुमारी, नर्स