जमशेदपुर (ब्यूरो): चार से छह दिसंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भारत के अलावा यूएसए, यूके, चाईना, कोलंबिया व कनाडा के करीब 300 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में देश के लगभग सभी आईआईटी, आईआईएम, आईएसबी के साथ ही सभी बिजनेस स्कूल के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस दौरान सतत विकास के लिए भविष्य में होने वाली परिकल्पना की थीम पर सभी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस दौरान करीब 160 पेपर की प्रस्तुत की जाएगी। इस क्षेत्र में विद्वानों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के साथ ही इनोवेशन के माध्यम वैश्विक स्तर पर कैसे बड़े साकारात्मक बदलाव किए जा सकते हैं, इस पर मुख्य रूप से मंथन होगा।

समाधान पर होगी चर्चा

बताया गया कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह सम्मेलन वैश्विक स्तर पर एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें शिक्षाविद, शोधकर्ता और व्यवसायी उत्पादन और संचालन में अंतर्दृष्टि और रणनीतियों का आदान-प्रदान करते हैं। इस बार कार्बन तटस्थता प्राप्त करने, सप्लाई चेन मैनेजमेंट में ईएसजी को बढ़ाने, सप्लाई चेन मैनेजमेंट में होने वाली क्राइसिस से निपटने के उपाय के साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से विभिन्न समस्याओं से निपटने के तरीके पर भी चर्चा की जायेगी। एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ना सिर्फ सप्लाई चैन मैनेजमेंट बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है।

कान्फ्रेंस की प्रमुख बातें

- कुल 160 पेपर होंगे प्रस्तुत, करीब 300 से अधिक प्रतिनिधि हो रहे हैं शामिल।

- कुल तीन पैनल डिस्कशन होंगे। जिसमें कार्बन उत्सर्जन में कमी की दिशा में होने वाले प्रयास, डीइआई और डिजिटल सप्लाई चेन के विषय शामिल होंगे।

- यूएसए के जॉर्जिया यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर विनोद सिंघल रिसर्च वर्कशॉप आयोजित करेंगे।

- कार्बन उत्सर्जन को लेकर आइटीसी के डिविजनल चीफ एग्जीक्यूटिव वेदीराज कुलकर्णी देंगे व्याख्यान।

- देश के साथ ही विदेशों के 15 अलग-अलग इंडस्ट्री के दिग्गज विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखेंगे।