जमशेदपुर (ब्यूरो): गर्मी में पानी को लेकर परेशानी तो होती है, लेकिन जो पानी मिलता है, उसकी भी गुणवत्ता बेहतर नहीं होती है। शहर के नन कंपनी एरिया में कई वाटर टैंक हैं, जहां पानी स्टोर होता है और फिर वहां से पाइपलाइन के जरिए पूरे शहर में सप्लाई की जाती है, लेकिन इन वाटर टैंक की क्या स्थिति है, इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं जाता। कई वाटर टैंक की स्थिति जर्जर हो चुकी है। उनकी समय-समय पर सफाई भी नहीं की जाती है। इसका परिणाम है, कि लोगों को गंदे पानी की आपूर्ति होती है।

नहीं लगा है फ्लोर मीटर

जुगसलाई की बात करें, तो यहां के लोगों का आरोप है कि पेयजल विभाग द्वारा पानी की टंकी को पूरी तरह भरा ही नहीं जाता, जिससे लोगों को सही तरीके से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसे लेकर झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा के प्रधान एवं जुगसलाई नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरदार शैलेंद्र सिंह ने उपायुक्त अनन्य मित्तल को एक ज्ञापन सौंप कर मामले में कार्रवाई की भी मांग की है। खास बात यह है कि इन पानी की टंकियों में फ्लोर मीटर भी नहीं लगाया गया है, जिससे यह पता ही नहीं चलता कि टंकी में कितना पानी है।

क्षमता के मुताबिक नहीं

बता दें कि जुगसलाई क्षेत्र के वाटर टैंक में 2 लाख गैलन, एम ई स्कूल रोड पानी टंकी में 2 लाख गैलन, नगर पालिका पानी टंकी में एक लाख गैलन, जुगसलाई सरकारी अस्पताल पानी टंकी में एक लाख गैलन, आरपी पटेल स्कूल पानी टंकी में 1 लाख गैलन पानी देना है, लेकिन इन टंकियों में पूरा पानी नहीं दिया जा रहा है। इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है।

पुरानी मोटर से होती है परेशानी

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बागबेड़ा स्थित नदी में लगाए गए इंटकवेल से जुगसलाई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंदा पानी भेजा जाता है। इस पानी को फिल्टर कर इन पांचों पानी टंकियों में भेजा जाता है। लोगों का कहना है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी टंकियों में पानी भरने के लिए 15 साल पहले 40 एचपी की चार एवं 60 एचपी की चार मोटर लगाई गई है, जो बहुत ही पुरानी है। हर महीने उसकी मरम्मत करानी पड़ती है।

हो सकता है बड़ा हादसा

इसी तरह बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के अंतर्गत रोड नंबर 1 में जो पानी टंकी स्थित है, वहां पूरे बागबेडा हाउसिंग कॉलोनी में पानी सप्लाई की जाती है। उस वाटर टैंक की स्थिति जर्जर हो चुकी है। टैंक से पानी टपक रहा है। यहां मधुमक्खियों ने बसेरा बना लिया है। स्थिति यह है कि अगर समय पर इसकी मरम्मत नहीं की गई तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

क्वार्टर में होती है गंदे पानी की सप्लाई

खास बात यह है कि इस वाटर टैंक की कभी भी साफ सफाई नहीं की जाती है और न ही मरम्मत की गई है। इस कारण लोग अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं टंकी के पानी को फिल्टर भी नहीं किया जाता है और वही पानी सीधे बागबेडा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 क्वार्टर में सप्लाई कर दी जाती है। मजबूरीवश लोग उसी पानी का उपयोग करते हैं।

स्वच्छता समिति की नहीं हुई बैठक

वर्तमान में इस योजना को बागबेड़ा कॉलोनी के ग्राम पेयजल एवं स्व'छता समिति संचालित करती है। जिसका अध्यक्ष मुखिया राजकुमार गौड़ है। इसकी एक कमेटी भी है। बागबेडा हाउसिंग कॉलोनी ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति की नियमानुसार कभी भी बैठक नहीं की जाती है। जिसके कारण समस्या ज्यों की त्यों है।

वाटर टैंक में है सीपेज

इसी तरह गम्हरिया स्थिति पानी टंकी की स्थिति भी खराब है। इस वाटर टैंक में सीपेज है। हालांकि करीब ढाई साल पहले इसकी सफाई की गई थी। उससे पहले कब की गई थी, इसका पता किसी को नहीं है। यानी समय पर यहां भी वाटर टैंक की सफाई नहीं की जाती। दूसरी ओर वाटर टैंक के जर्जर होने के बावजूद इसकी मरम्मत और रखरखाव की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी रोड नंबर स्थित वाटर टैंक की पिछले 7 साल के दौरान एक बार भी सफाई नहीं की गई। मरम्मत तो दूर की बात है। कई बार मरम्मत और सफाई के लिए संबंधित पदाधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। चुनाव समाप्त होते ही डीसी से मिलकर टंकी की सफाई और मरम्मत की मांग की जाएगी।

सुनील गुप्ता, पंचायत समिति सदस्य, बागबेड़ा कॉलोनी पंचायत

जब से मैं बागबेड़ा कॉलोनी में आई हूं, तब से इस टंकी की कभी भी साफ सफाई होते हुए मैंने नहीं देखा। वर्तमान में इस टंकी की जर्जर स्थिति को देख ऐसा लगता है कि कभी भी यह टंकी टूटकर गिर जाएगी। पानी फिल्टर नहीं होने और साफ सफाई नहीं होने के कारण पूरी कॉलोनी में अशुद्ध पानी की आपूर्ति की जा रही है।

छवि विश्वकर्मा

50 वर्ष पूर्व बनी इस टंकी में पानी को स्टॉक किया जाता है। इसके बाद लगभग 1140 क्वार्टर में सप्लाई की जाती है। इस तरह लगभग 10000 लोग इस पानी का उपयोग करते हैं। मगर दु:ख और आश्चर्य की बात है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। जनहित में प्राथमिकता के आधार पर टंकी की साफ सफाई करवाना बहुत जरूरी है।

कुमुद शर्मा, समाजसेवी

पानी टंकी को पूरी तरह से भरा नहीं जाता। वाटर फ्लोर मीटर भी खराब है। स्थिति यह है कि लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होती। लोग काफी परेशान हैं। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो चुनाव के बाद आंदोलन किया जाएगा।

सरदार शैलेंद्र सिंह, प्रधान, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी