JAMSHEDPUR: केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव को लेकर शुक्रवार को देश भर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जमशेदपुर में भी इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन, झारखंड वर्कर्स यूनियन सहित अन्य श्रमिक संगठनों ने भी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। कोरोना वायरस के कारण सभी अपने आवासीय कार्यालय या कार्यक्षेत्र में प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराए।

काला बिल्ला लगाकर किया विरोध

विरोध में बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया। बिष्टुपुर के पंजाब नेशनल बैंक शाखा में हीरा अरकने, प्रभू प्रसाद वर्मा, बबीता अरकने, मनोज रजक, जसप्रीत कौर, महिमा प्रभाकर, पांडूरंग सोरेन, राजू भगत सहित अन्य उपस्थित थे।

झारखंड वर्कर्स यूनियन का प्रदर्शन

श्रम कानून में किए जा रहे बदलाव के खिलाफ केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी विरोध के समर्थन में झारखंड वर्कर्स यूनियन ने गोलमुरी बाजार में प्रदर्शन किया। इस दौरान यूनियन के सदस्यों ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की।

असंगठित कामगार यूनियन

इंटक के राष्ट्रीय संगठन सचिव सह सिंहभूम असंगठित कामगार यूनियन के अध्यक्ष विजय खां ने अपने आवासीय कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर इंटक नेता गुरदीप सिंह, यूथ इंटक के राष्ट्रीय सचिव पवन कुमार बबलू, सिंहभूम असंगठित कामगार यूनियन के महासचिव संजय कुमार झा, उपाध्यक्ष अविनाश सिंह, संयुक्त सचिव सौरभ झा व टाटा पावर यूनियन से पिंटू श्रीवास्तव उपस्थित थे।

बीमा कर्मचारियों ने मनाया विरोध दिवस

ऑल इंडिया इश्योरेंस एसोसिएशन के नेतृत्व में बीमा कर्मचारी संघ, जमशेदपुर मंडल के सदस्यों ने भी विरोध दिवस मनाया। कोरोना संक्रमण की आड़ में सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए जा रहे संशोधन के विरोध में प्रतिवाद प्रकट किया। संघ ने तत्काल सभी संशोधनों पर रोक लगाने की मांग की। इस दौरान संघ के सदस्यों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैठक का भी आयोजन किया। इसमें कामरेड अमित मैती, इंद्रजीत सिंह भाटिया, निरुप दास, अपूर्व दत्ता सहित अन्य उपस्थित थे।

रेलकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर की ड्यूटी

दक्षिण-पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के महामंत्री एसआर मिश्रा के आह्वान पर मेंस कांग्रेस डांगोवापोसी शाखा सचिव सुभाष मजूमदार के नेतृत्व में विभिन्न रेल कार्यालयों के रेल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध दर्ज कराया। साथ ही अपना-अपना नियमित कार्य किया। सुभाष मजूमदार ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के दौरान भी मजदूरों के खिलाफ नई-नई दमनकारी नीतियों को लागू करने की कोशिश कर रही है जो मजदूरों के हित में नहीं है। इससे ना केवल रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा बल्कि सामाजिक असुरक्षा भी बढ़ेगी। कहा कि सरकार मजदूरों के हितों के लिए कार्य करें ना कि उनके दमन के लिए।

ये हैं मुख्य मांगें

-केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के डीए पर लगी रोक को हटाया जाए।

-सार्वजनिक क्षेत्र के मजदूरों के मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए।

-कोयला व खनिज खदानों के निजीकरण के फैसले को वापस लिया जाए।

-हवाई अड्डों को नीलाम करने की प्रक्रिया बंद हो।

-बिजली वितरण और रक्षा क्षेत्र के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए।