JAMSHEDPUR: विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के लिए आज की तारीख में राष्ट्रीय उच्च्च शिक्षा अभियान (रूसा), ऑल इंडिया सर्वे फोर हायर एजुकेशन (एआइएसएचई) व नेशनल एक्रेडिटेशन असेसमेंट काउंसिल (नैक) क्या महत्व रखता है इसकी घुट्टी शुक्रवार को महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को जमकर पिलाई गई। मौका था कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के तत्वावधान में शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित रूसा, नैक व एआइएसएचई विषयक कार्यशाला का। कार्यक्रम की शुरुआत में ही कुलपति डॉ। आरपीपी सिंह ने महाविद्यालय के प्राचार्य व प्रतिनिधियों को चेताया कि वे अभी भी जाग जाएं नहीं, तो कल उनके महाविद्यालय गर्त में तो जाएंगे ही, अनुदान मिलना बंद हो जाएगा और उनके वेतन के भी लाले पड़ सकते हैं। कुलपति ने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय को यह सोचने की जरूरत है कि अगले सात साल में वह कहां खड़ा होगा। आज दक्षिण भारत के उच्च्च शिक्षण संस्थान रूसा से अधिकतम लाभ ले रहे हैं। बार-बार समझाने के बावजूद कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय इन मामलों में गंभीर नहीं हो रहे हैं। अभी क्ख्वीं योजना की शुरुआत है। झारखंड रूसा के तहत पहली किस्त मिली है। सबसे अधिक जरूरत जागरूक होने की है ताकि समय रहते नैक की मान्यता मिले, रूसा का एकाउंट खुल जाए। इसके लिए बेसलाइन सर्वे की तत्काल आवश्यकता है। सभी प्राचार्य शीघ्र से शीघ्र रेनोवेशन प्लान तैयार कर विश्वविद्यालय को जमा करें। अभी तक केवल पांच महाविद्यालयों ने रूसा का एकाउंट खोला है, बाकी कल ही एकाउंट खोल लें। विजन के साथ अगले सात साल के लिए योजना तैयार करें ताकि गुणवत्ता के मामले में कोल्हान यूनिवर्सिटी लीडर की भूमिका में दिखे।

कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित होगी: पोवीसी

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतिकुलपति ने कहा कि ये कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित होगी। क्ख्वीं योजना में रूसा के तहत अनुदान मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने नैक एक्रेडिटेशन के लिए क्ख् पैरामीटर के बारे में भी विस्तार से बताया। रूसा नोडल ऑफिसर के रूप डॉ। सुमित कुमार, डॉ। नीतेश राज व शंभू सिंह ने कार्यशाला की कमान संभाली और क्या करें, कैसे करें आदि विषयों पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया। वक्ताओं ने कहा कि सभी महाविद्यालय में रूसा के लिए नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी प्राचार्य के अतिरिक्त किसी को दी जाए जो इसके लिए योजना तैयार करने से लेकर विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन प्राचार्य की सहमति से करेगा।

बीच से उठे एग्जामिनेशन कंट्रोलर को बिठाया

कार्यशाला के दौरान केयू के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ। गंगा प्रसाद सिंह उठकर जाने को हुए कि नोडल ऑफिसर ने उन्हें रोक लिया। उनसे पूछा गया कि नामांकित छात्रों में जाति व अन्य विवरणों से संबंधित डाटा है या नहीं। परीक्षा नियंत्रक ने नकारात्मक उत्तर दिया और कोई ठोस कारण भी नहीं बता सके। इसके बाद बीच में उठकर जाने को लेकर कार्यशाला की उपयोगिता पर भी चुटकी ली गई, हालांकि फिर वे बैठे रहे।