RANCHI: धुर्वा स्थित एचईसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से अप्रेंटिस कर रहे 110 स्टूडेंट्स को फेल कर दिया गया है। इससे स्टूडेंट्स में जबर्दस्त आक्रोश है। बुधवार को स्टूडेंट्स सुबह-सुबह इंस्टीट्यूट कैंपस पहुंचे और संस्थान के प्रमुख पीके बेहरा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मामले में स्टूडेंट्स ने संस्थान प्रबंधन को पूरी तरह दोषी ठहराते हुए फिर से रिजल्ट निकाले जाने की मांग की।

क्यों फेल हुए स्टूडेंट्स

ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट ऑनलाइन एग्जाम होता है। इसमें संबंधित संस्थान से अप्रेंटिस करने वाले स्टूडेंट्स को प्रैक्टिल और इंजीनियरिंग ड्राइंग के मा‌र्क्स दिये जाते हैं। यह ऑनलाइन अपलोड होता है, जिसकी जिम्मेवारी संस्थान की होती है। एचईसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से सेशन 2017-19 के 110 स्टूडेंट्स ने अप्रेंटिस किया। लंबे समय से रिजल्ट नहीं आया था। अभी हाल ही में रिजल्ट जारी हुआ, तो उसमें यहां के सभी स्टूडेंट्स फेल हो गए।

क्यों हुए ऐसा

संस्थान के अधिकारियों से स्टूडेंट्स कई बार मिल चुके थे। उन्होंने प्रैक्टिकल और इंजीनियरिंग ड्राइंग के मा‌र्क्स ऑनलाइन अपलोड करने की मांग की थी। बार-बार यहां से स्टूडेंट्स को समझा-बुझा कर भेज दिया जाता था। जब फाइनल रिजल्ट आया, तो प्रैक्टिल में सभी के मार्क शीट में जीरो लिखा था। दरअसल, संस्थान ने किसी छात्र का नंबर ही अपलोड नहीं किया। इसी वजह से सभी छात्र फेल कर गए। अब इनके सामने संकट यह है कि इन्हें किसी भी संस्थान में काम नहीं मिलेगा।

कैंपस में हुआ हंगामा

छात्रों के जमावड़े की जानकारी जैसे ही एनएसयूआई को मिली, वैसे ही प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व स्टूडेंट्स जमा हो गए। संस्थान परिसर में खूब हंगामा हुआ। संस्थान के प्रमुख के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।

शाम तक कोई मिलने नहीं आया

इस मामले में स्टूडेंट्स और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की मांग थी कि एचईसी मुख्यालय से अधिकारी कैंपस आएं और उनकी बातों को सुनें। इसके बावजूद शाम 4.30 बजे तक एक भी अधिकारी उनकी बातों को सुनने नहीं आया। इसके बाद इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल एचईसी मुख्याललय गया। वहां महाप्रबंधक से इस बात की शिकायत की गई, तो पता चला कि इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने इस बात की कोई जानकारी ही एचईसी प्रशासन को नहीं दी है। इस बीच महाप्रबंधक ने दिल्ली स्थित मुख्यालय में डीजी को फैक्स संदेश से पूरे मामले की जानकारी दी। विभागाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि दिल्ली में डीजी द्वारा अनुमति मिलने पर रिजल्ट फिर से जारी होगा और सभी छात्रों को नंबर दे दिया जाएगा।

एचईसी प्रशासन को चार दिनों की मोहलत दी गई है। अगर छात्रों का न्याय नहीं मिला, तो उग्र आंदोलन होगा। इस संस्थान में पूरी तरह से मनमानी चल रही है। छह लोग मिलकर संस्थान चला रहे हैं। नए स्टूडेंट्स का ऑनलाइन क्लास भी नहीं चल रहा है। स्थिति को सुधारने की तत्काल कोशिश करनी होगी।

इंद्रजीत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष एनएसयूआई