रांची (ब्यूरो) । जिंदगी फाउंडेशन के छात्रों ने इतिहास रचा है। फाउंडेशन के गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले सभी 20 छात्रों ने डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक नीट के लिए क्वालीफाई किया है। एक छोटे किसान और दिहाड़ी मजदूर के बेटे जगदीश महापात्रा को आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करना असंभव लगने लगा। अपने माता-पिता द्वारा पढ़ाई के लिए ऋण लेने के बावजूद, जगदीश शुरू में नीट पास करने में असफल रहे, जिससे उन्हें निराशा हुई। हांलाकि, जिदगी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में, उन्होंने नीट 2024 में 705 अंक प्राप्त किए और अब एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए तैयार हैं।

जीवन में उथल पुथल

प्रियब्रत देहुरी का जीवन उनके पिता की अचानक बीमारी और मृत्यु के कारण उथल-पुथल हो गया। उनकी माँ ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तो बात ही छोडि़ए, भोजन का प्रबंध करने के लिए भी संघर्ष किया। इन कठिनाइयों ने प्रियब्रत के डॉक्टर बनने के दृढ़ संकल्प को और मजबूत किया। ज़िंदगी फाउंडेशन के अथक प्रयास और समर्थन से, उन्होंने नीट में 700 अंक प्राप्त किए और अपने सपने को पूरा करने की राह पर हैं। दृढ़ता और जीत की ये कहानियां जि़ंदगी फाउंडेशन के हर छात्र की जुबानी हैं। अजय बहादुर सिंह द्वारा स्थापित, जिन्होंने खुद आर्थिक तंगी का सामना किया, जिसके कारण वे डॉक्टर नहीं बन पाए, जिंदगी फाउंडेशन बेहद गरीब छात्रों को मुफ़्त मेडिकल कोचिंग, अध्ययन सामग्री और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है। 2017 में अपनी स्थापना के बाद से, 123 छात्रों ने फाउंडेशन के समर्थन से नीट में सफलता हासिल की है।