रांची (ब्यूरो): लोगों की डिमांड बढऩे लगी तो 206 नई गाडिय़ां खरीदने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया। लेकिन एक साल से अधिक हो गया, 206 गाडिय़ों का सिर्फ प्रस्ताव ही तैयार हुआ है, गाडिय़ां कागजों में ही चल रही हैं, सडक़ पर कोई गाड़ी नजर नहीं आ रही है।

पांच साल पुरानी गाडिय़ां

2017 में रघुवर सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी, लोगों ने जमकर इस योजना का लाभ उठाया। लेकिन अब गाडिय़ां पुरानी हो गई हैं। इसलिए नई गाडिय़ां खरीदने की तैयारी की गई। वर्तमान में 108 एंबुलेंस सेवा की बात करें तो उसकी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है, क्योंकि कई जिलों में एंबुलेंस की संख्या काफी कम है।

धक्का मार गाड़ी बनी

कई बार 108 एंबुलेंस को धक्का मार गाड़ी के रूप में भी देखा जाता है। इसको लेकर 108 एंबुलेंस की जिम्मेदारी लेने वाले जिकित्जा के संचालक बताते हैं कि 108 एंबुलेंस में कई कंपनियों की गाड़ी खरीदनी पड़ती है। ऐसे में कई बार गाडिय़ों में भी तकनीकी खराबी देखने को मिलती है। इसलिए कई बार 108 एंबुलेंस को धक्का मारना पड़ता है। उन्होने बताया कि जिस भी एंबुलेंस में तकनीकी खराबी आती है उस एंबुलेंस को संबंधित कंपनी के गैराज व मैकेनिक से संपर्क कर तुरंत ही ठीक करवाया जाता है।

8 लाख लोगों ने ली सेवा

करीब पांच साल पहले शुरू की गई एंबुलेंस सेवा मरीजों के लिए काफ अहम है। ये राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं। आंकड़ों को देखें तो 108 एंबुलेंस सेवा से अब तक कुल आठ लाख मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम किया गया है। वहीं कोरोना काल के दौरान भी 108 एंबुलेंस का अहम योगदान रहा। कोरोना काल के दौरान 108 एंबुलेंस से 39439 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया।

206 नई एंबुलेंस का प्रस्ताव

झारखंड में 108 एंबुलेंस को संचालित करने वाले जिकित्जा कंपनी के अधिकारियों की मानें तो राज्य के विभिन्न जिलों में एंबुलेंस की संख्या सीमित मात्रा में है। ऐसे में सभी मरीजों तो तत्काल सेवा मुहैया कराने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 206 नई एंबुलेंस खरीदने का प्रस्ताव लाया गया है, लेकिन ये सभी प्रस्ताव अभी कागजों पर ही दौड़ रहे हैं।

विभाग से मदद नहीं

जिकित्जा कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि 108 एंबुलेंस सेवा स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करती है। लेकिन विभाग से मदद नहीं मिलने की वजह से 108 एंबुलेंस सेवा को गति नहीं मिल पा रही है। जरूरत है सरकार इसको लेकर और भी सजग हो ताकि हम लोगों तक 108 एंबुलेंस सेवा को ज्यादा से ज्यादा पहुंचा सकें।

206 एम्बुलेंस खरीदने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन अब तक एंबुलेंस मिली नहीं है। अभी 337 गाडिय़ों से इस सेवा का संचालन किया जा रहा है, लेकिन और गाडिय़ों की जरूरत है।

धनेश्वर तिर्की, जिकित्जा हेल्थ केयर