RANCHI : झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था किस कदर बदहाल है, इसका खुलासा मंगलवार को जैक द्वारा जारी मैट्रिक के रिजल्ट ने कर दिया। इस बार महज 59.48 परसेंट बच्चे पास हुए हैं जो पिछले चौदह साल का सबसे खराब रिजल्ट है। पिछले साल 67.83 परसेंट बच्चे सफल हुए थे। इस लिहाज से पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष परिणाम में 8.35 परसेंट की गिरावट आई। इस बार लातेहार स्थित नेतरहाट आवासीय विद्यालय के छात्र तुषार रंजन स्टेट टॉपर घोषित हुए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर इसी स्कूल के अमित कुमार रहे। इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की अमीषा कुमारी 486 अंकों के साथ राज्य में तीसरे स्थान पर रही।
लड़के रहे आगे
मैट्रिक एग्जाम में लड़कों का प्रदर्शन छात्राओं की तुलना में बेहतर रहा है। छात्रों का रिजल्ट 61.79 परसेंट रहा है, जबकि छात्राओं में 57.29 परसेंट छात्राएं पास हुई हैं। जिलों की बात करें तो हजारीबाग का परिणाम सबसे बेहतर रहा है। यहां 74.75 फीसद बच्चे सफल हुए हैं। अंतिम पायदान पर लातेहार रहा, जहां महज 38.19 फीसद बच्चे सफल हुए। बेहतर परिणाम में रांची और पूर्वी सिंहभूम क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
हजारीबाग अव्वल, रांची दूसरे स्थान पर
सभी जिलों में सबसे बेहतर रिजल्ट हजारीबाग का रहा है। हजारीबाग से सर्वाधित 74.75 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं जबकि दूसरे स्थान पर रांची के स्टूडेंट ने बाजी मारी है। मैट्रिक की परीक्षा में हजारीबाग के 28 हजार 564 बच्चों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 21 हजार 352 बच्चे सफल रहे। सफल बच्चों में 75.64 प्रतिशत लड़के हैं और 73.94 लड़कियां सफल हुई हैं।
फर्स्ट डिवीजनर्स की बढ़ी संख्या
जैक अध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह ने मैट्रिक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि भले ही इस वर्ष पास आउट होने वाले बच्चों का प्रतिशत गिरा है, लेकिन क्वालिटी एजुकेशन की वजह से इस बार सबसे ज्यादा बच्चे फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाले स्टूडेंट की संख्या 1 लाख 1 हजार 20 है जबकि सेंकेड डिवीजन से पास करने वाले स्टूडेंट की संख्या 1 लाख 18 हजार 46 है। वहीं थर्ड डिवीजन से पास होने वाले छात्रों की संख्या मात्र 35 हजार 764 रही है।
रांची में लड़कियों ने मारी बाजी
राजधानी रांची के बच्चे पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिटी का सफलता का प्रतिशत हजारीबाग जिला के बाद रहा और 72.93 प्रतिशत बच्चे सफल रहे। सफल परीक्षार्थियों में लड़कियों का प्रतिशत ज्यादा रहा है। सिटी में 72.58 प्रतिशत लड़कों ने बाजी मारी है तो 73.23 प्रतिशत लड़कियां सफल रही हैं। पिछले साल से अगर तुलना की जाये तो इस वर्ष राजधानी के रिजल्ट में 0.96 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले वर्ष जहां रांची के 73.89 प्रतिश बच्चे सफल रहे थे वहीं इस वर्ष सफलता का प्रतिशत 72.93 प्रतिशत रहा।
साल दर साल आंकड़ों में रिजल्ट
वर्ष परिणाम (परसेंट में)
2005 72.70
2006 79.19
2007 83.37
2008 86.99
2009 77.82
2010 74.37
2011 69.31
2012 67.35
2013 73.15
2014 75.30
2015 71.20
2016 67.54
2017 67.83
2018 59.48
किस जिले का कैसा रिजल्ट
जिला प्रतिशत
हजारीबाग 74.75
रांची 72.93
पूर्वी सिंहभूम 68.22
खूंटी 66.92
साहेबगंज 64.01
गिरिडीह 63.15
धनबाद 61.89
रामगढ़ 61.73
दुमका 61.31
पलामू 61.18
देवघर 60.70
कोडरमा 59.88
सरायकेला 57.55
गुमला 56.62
पश्चिम सिंहभूम 56.05
सिमडेगा 54.05
बोकारो 53.14
लोहरदगा 52.42
जामताड़ा 52.11
गोड्डा 50.67
पाकुड़ 49.93
चतरा 42.59
गढ़वा 40.21
लातेहार 38.19
किस डिवीजन में कितने पास
फर्स्ट : 23 परसेंट
सेकेंड : 27 परसेंट
थर्ड: 09 परसेंट
कैटेगरी वाइज ये रहा रिजल्ट
कैटेगरी रिजल्ट (परसेंट में)
जेनरल : 64.58
एससी : 50.40
एसटी : 54.21
पिछड़ी जाति : 63.15
अत्यंत पिछड़ी जाति : 62.23
ऐसा रहा रांची का रिजल्ट
कुल परीक्षार्थी - 35,855
ब्वॉयज की संख्या - 16,409
गर्ल्स की संख्या- 19,446
पासआउट परीक्षार्थी- 26,151
पासआउट ब्वॉयज- 11,910
पासआउट गर्ल्स - 14,241
फर्स्ट डिवीजन - 13,200
फर्स्ट डिवीजन ब्वॉयज- 5932
फर्स्ट डिवीजन गर्ल्स - 7268
सेंकेंड डिवीजन - 10,819
सेंकेंड डिवीजन ब्वॉयज- 4908
सेंकेंड डिवीजन गर्ल्स - 5911
थर्ड डिवीजन - 2132
थर्ड डिवीजन ब्वॉयज - 1070
थर्ड डिवीजन गर्ल्स - 1062