रांची (ब्यूरो) । वित्तीय वर्ष 2024-25 में समग्र शिक्षा अंतर्गत राज्य के सरकारी विद्यालयों में ईको क्लब के तहत गतिविधियों के संचालन और ग्रीन कैंपस के कार्यान्वयन हेतु अनुदान राशि उपलब्ध करा दी गयी है। प्राथमिक/मध्य एवं उ'च विद्यालयों के लिए अलग अलग श्रेणियों में राशि उपलब्ध कराई गयी है। विद्यालय अपनी आवश्यकतानुसार ईको क्लब के मद से प्राप्त राशि का विभिन्न गतिविधियों में उपयोग कर सकेंगे। ईको क्लब की गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले टॉप 1000 विद्यालयों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों में किचेन गार्डन को और समृद्ध बनाया जा सके। ईको क्लब के माध्यम से सभी विद्यालयों में वृक्षारोपण किया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में 5 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम 10 पौधा, मध्य विद्यालयों में कम से कम 20 पौधा और उ'च विद्यालयों में कम से कम 30 पौधा लगाना अनिवार्य है।

आयोजित होंगी गतिविधियां

विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि ईको क्लब के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के दिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर व्यापक पैमाने पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाए। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन आयोजित होने वाली गतिविधियों में छात्रों की संख्या, कितने पौधे लगाए गए, पौधे किस स्थान पर लगाए गए, किस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया गया, आदि जानकारी शिक्षा पदाधिकारियों को उपलब्ध कराना होगा।

ग्राफ्टेड पेड लगाए जाएं

स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में बडेे आकार के ग्राफ्टेड पेड लगाए जाएं। इन पेड़ो की सुरक्षा, देखभाल, पानी, खाद आदि सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी हाउस और ईको क्लब के ऊपर होगी। वैसे वृक्षों को प्राथमिकता दी जाए जो फलदार हो, मध्याहन भोजन में जिनका उपयोग किया जा सके अथवा पर्यावरण के दृष्टि से लाभदायक हो। यदि वन विभाग में उपयुक्त पेड़ो की व्यवस्था ना हो, तो अभिभावक/प्रधानाध्यापक/शिक्षकों द्वारा उक्त वर्णित पौधा बाजार से क्रय कर विद्यालयों में लगाया जाए। यदि विद्यालयों में स्थान का अभाव हो, तो गमलो/फिश ट्रे में पौधारोपण किया जाए। विद्यालय के किचन गार्डेन में मौसमी व औषधीय पौधरोपण करना भी अनिवार्य है।

ईको क्लब की भूमिका अहम

वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत कई पर्यावरण संबंधी गतिविधियां की जा रही है। इनमें वर्षा जल संरक्षण महत्वपूर्ण है। इस ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए विद्यालयों को वर्षा जल से संगृहीत जल की मात्रा को ट्रैक करने हेतु तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए ईको क्लब के सदस्यों को प्रोजेक्ट वर्क दिया जाएगा। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि कितना वर्षा जल संरक्षित किया गया अथवा संरक्षित वर्षा जल का उपयोग शौचालयों, बागवानी आदि में करने का निर्देश भी दिया गया है।