रांची(ब्यूरो)।अखिल भारतीय कायस्थ महासभा फाउंडेशन (एबीकेएस), झारखंड प्रदेश के तत्वावधान में गुरुवार को होटल रासो में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मंजूषा सहाय (अध्यक्ष, महिला विंग) ने किया। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कामिनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक महिला सबसे सफलतम प्रबंधक होती है। चाहे घर के अंदर हो या बाहर हो, काफी सूक्ष्मता से प्रबंधन कर रही हैं। महिला ही मां बन सकती है जो भगवान द्वारा दिया गया अनुपम सौगात है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी महिलाएं पूरे परिवार को सहजता पूर्वक उससे उबरने में बहुमूल्य योगदान देती हैं।

हर क्षेत्र में सफल

आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में दिए जा रहे उनके उल्लेखनीय योगदान की विस्तार से चर्चा करते हुए अनेक सफल महिलाओं के बारे में बताया जिसमें लक्ष्मी बाई, रजिया सुल्तान, सरोजिनी नायडू सहित कई नाम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आपदा प्रबंधन, सेना, पुलिस, वायुयान, प्रशासन, शिक्षा, राजनीति, सामाजिक, विज्ञान, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

अबला नहीं, सबला

संगोष्ठी की विशिष्ट अतिथि झारखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ महुआ माजी ने अपने संबोधन में कहा कि आज नारी अबला नहीं है बल्कि सबला होकर पुरुष के बराबर खड़ी होकर समाज में कई कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कई महिलाओं के सफल व्यक्तित्व के बारे में विस्तार से कहा कि महिलाएं खेल के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दे रही हैं जैसे अंसुता लकड़ा, सोमराय टेटे, सावित्री, दीपिका, सलीमा टेटे सहित कई शामिल हैं।

हर समाज का साथ

सम्मानित अतिथि डॉ रश्मि प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज सभी समाज को साथ लेकर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में लगभग 10 करोड़ कायस्थ समाज की आबादी हैं। आज आवश्यकता है हमें एकजुट होकर कार्य करने की। उन्होंने कायस्थ समाज द्वारा महिलाओं के विकास हेतु किये जा रहें सभी कार्यक्रमों को विस्तार से बताया।

इनकी रही विशेष भूमिका

अतिथियों का स्वागत नीलकमल, हरिबंश भूषण सिन्हा, दीपक कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विजेता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आरयू की विश्वविद्यालय रसायन विभाग की प्राध्यापिका डॉ नम्रता सिन्हा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एबीकेएस फाउंडेशन के पदाधिकारियों में संगीता सिन्हा, हरिबंश भूषण सिन्हा, सोनी सिन्हा, पल्लवी श्रीवास्तव, सपना कमल वर्मा, निलेन्द्र सिन्हा का उल्लेखनीय योगदान रहा।