रांची (ब्यूरो)। राजधानी की सड़कों पर दुर्घटनाएं लोगों के साथ-साथ चल रही हैं। शहर के हर इलाके की मुख्य सड़क पर लोहे का सरिया लदे वाहन दौड़ रहे हैं। इन गाडिय़ों में जो सरिया लोड रहता है वह 5 फ ट आगे झुका रहता है और 5 फ ट पीछे झुका रहता है। इन गाडिय़ों के आगे-पीछे लोग अपनी कार और बाइक से चलते हैं। अगर थोड़ा संभलकर नहीं चले, तो लोहे का सरिया लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

भीड़ के बीच सरिया वाहन

जब राजधानी रांची में सड़कों पर दिन के समय में भारी भीड़ होती है उस समय मालवाहक वाहनों में लोहे का सरिया लेकर गाडिय़ां दौड़ रही हैं। इनके आगे और पीछे बाइक और कार वालों की लंबी लाइन लगी रहती है। इन मालवाहक वाहनों के कारण कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं। लोहे का सरिया किसी को भी लग सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है।

लोहा निकला रहता है बाहर

मालवाहक ऑटो द्वारा लोहा लेकर जब मालवाहक गाडिय़ां सड़क से गुजरती हैं उसके आगे पीछे लोगों की लंबी लाइनें भी चलती हैं। लोहा का सरिया 30 फीट लंबा होता है, जिसमें से 5 फीट आगे और 5 फ ट पीछे सरिया लटकता रहता है। ट्रैफि क पुलिस की आंख के सामने इस तरह का नजारा हर दिन होता है, लेकिन पुलिस भी आंखें मूंद लेती है।

क्या है नियम

नियम के अनुसार, कोई भी लोहे का सामान या सरिया ले जाने के लिए इसके दोनों साइड पर लाल रंग का कपड़ा या कोई वस्तु बांधना है, जिससे लोगों को इससे बचने के लिए पहले ही अलर्ट किया जा सके। लेकिन रांची में ऐसा कहीं नहीं दिखता है। समय का कोई टाइम टेबल टाइम नहीं रहता है। जब मन किया जिस समय मन किया गाडिय़ों में सरिया डालकर मेन रोड पर निकल जाते हैं।

4 घंटे का तय है समय

ट्रैफि क पुलिस के अनुसार, मालवाहक गाडिय़ों को जो सामान लेकर कहीं आना-जाना है उनके लिए 4 घंटे का समय तय किया गया है। इसमें सुबह के 2 घंटे 9 बजे से 11 बजे तक और शाम में 5 बजे से 7 बजे तक सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं। लेकिन रांची में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। छोटी मालवाहक गाडिय़ां हों, ठेला हो या दूसरी कोई भी गाडिय़ां हों जो सामानों को लेकर जाती हैं। वह कभी भी जब मन करता है सड़क पर निकल जाती हैं। सड़क पर कितनी भीड़ है लोगों को इससे क्या नुकसान हो सकता है। इसके बारे में कोई नहीं सोचता है। बेतरतीब तरीके से इस तरह की गाडिय़ां सड़क पर दौड़ रही हैं।

ओवरलोडिंग मानी जाती है

मालवाहक गाडिय़ों पर अगर उसकी साइज से बाहर कोई भी सामान लटकता हुआ दिखता है तो वह भी ओवरलोडिंग माना जाता है। ऐसे में दो हजार रुपए से अधिक का जुर्माना भी लगाया जाता है। लेकिन इन गाडिय़ों को कोई रोकने वाला नहीं है, क्योंकि इन पर अभी तक कोई जुर्माना भी नहीं लगाया गया है, जिसके कारण वो निडर होकर रांची की सड़कों पर घूमते हैं।

रांची की सड़कों पर सरिया लदी गाडिय़ां घूमती हैं, इन पर कार्रवाई की जाएगी। इनके लाने ले जाने का समय भी तय है। अधिक मात्रा में समान ढोने को भी ओवरलोडिंग माना जाता है। ऐसी गाडिय़ों पर कार्रवाई की जाएगी।

-प्रवीण प्रकाश, डीटीओ, रांची