रांची(ब्यूरो)। यदि आपने भी अपनी गाड़ी में किसी पार्टी, पद या अन्य किसी क्षेत्र से संबंधित नेम प्लेट, बोर्ड या बैनर लगा रखा है तो फौरन हटवा लें। गाडिय़ों में लगे इस तरह के बोर्ड और नेम प्लेट के विरोध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। परिवहन पदाधिकारी खुद सड़क पर उतर कर इसकी जांच कर रहे हैं। गाडिय़ों में बोर्ड लगा कर घूमने वालों पर कार्रवाई हो रही है। ऑन द स्पॉट गाड़ी से बोर्ड हटवाया जा रहा है। साथ ही ऐसे लोगों पर फाइन भी काटा जा रहा है। दरअसल, गाडिय़ों पर लगने वाले बोर्ड और नेम प्लेट को हटाने का आदेश हाईकोर्ट की ओर से भी जारी किया गया था। इसके बावजूद लोग आदेश का मखौल उड़ाते हुए गाडिय़ों में नेम प्लेट और बोर्ड लगा कर चल रहे थे। परिवहन सचिव के आदेश के बाद सड़क पर इसकी सघन जांच शुरू कर दी गई है। डीटीओ और ट्रैफिक पुलिस संयुक्त रूप से जांच अभियान चला रहे हैैं।

सभी लगवाते हैं बोर्ड

राजधानी रांची में बोर्ड लगवाने की परंपरा नई नहीं है। यहां विधायक, सांसद से लेकर पार्षद भी अपनी गाड़ी में बोर्ड लगकर चलते हैं। सिर्फ विधायक-सांसद ही नहीं उनके प्रतिनिधि भी अपनी गाडिय़ों में बोर्ड और नेम प्लेट लगाकर चलते हंै। विभिन्न दलों के कार्यकर्ता भी पार्टी का झंडा और बोर्ड लगाकर रोड पर शान से चलते हैैं। हनक ऐसी कि सड़क पर ट्रैफिक पुलिस से लेकर अन्य लोगों के साथ बदतमीजी भी करते हंै। पार्टी के नाम पर पुलिसकर्मियों को धमकाने से भी ये पीछे नहीं हटते। कई बार 'फलाने नेताÓ का आदमी होने की बात कह कर वर्दी उतरवाने तक की धमकी भी दी जाती है।

कोर्ट ने लगाई थी फटकार

बोर्ड लगाने में कोई एक पार्टी नहीं बल्कि झारखंड की सभी पार्टियां आगे हैं। बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम से लेकर राजद व अन्य छोटी-छोटी पार्टी, संस्था, एनजीओ, संगठन सभी का यही हाल हैै। गाड़ी में नेम प्लेट और बोर्ड लगवा कर चलना स्टेटस सिंबल है। इसी के खिलाफ हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था। नियम का पालन नहीं हुआ, तो परिवहन सचिव को फटकार लगाई गई। इसके बाद परिवहन सचिव केके सोन ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए सभी गाडिय़ों से बोर्ड हटाने को कहा है। इसे लागू कराने की जिम्मेवारी ट्रैफिक विभाग और डीटीओ की है।

रजिस्ट्रेशन फेल, नेम प्लेट का सहारा

विभाग से आदेश जारी होते ही डीटीओ प्रवीण कुमार प्रकाश सड़क पर उतरे और सघन जांच अभियान चलाया। अनाधिकृत रूप से लगे नेम प्लेट लगाने वाले लोगों की गाड़ी के पेपर की भी जांच हो रही है। इसमें कई बातों का खुलासा भी हो रहा है। ऐसे भी लोग पकड़ में आ रहे हैं, जिनके गाड़ी के पेपर ही नहीं लेकिन गाड़ी के बोनट पर बड़े-बड़े बोर्ड लगे हुए हैं। जांच क्रम में एक ऐसा ही व्यक्ति पुलिस की पकड़ में आया। विधायक के नाम की बोर्ड लगी इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 2017 में ही फेल हो गया था। लेकिन विधायक प्रतिनिधि का बड़ा सा बोर्ड लगाकर बड़े आराम से सिटी की सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही थी। ऐसे ही कई क्राइम हंै जो बोर्ड और नेम प्लेट लगाकर किए जा रहे हैं। नेम प्लेट लगे अधिकतर गाडिय़ों की जांच पुलिस भी नहीं करती है। इसका फायदा उठा कर दागी किस्म के लोग गलत काम करते हैं।

लगातार अभियान चला कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गाड़ी पर किसी तरह का बोर्ड, बैनर या नेम प्लेट लगाने की छूट नहीं है। ऐसा करते पाए जाने पर फाइन भी वसूला जाएगा।

- प्रवीण कुमार प्रकाश, डीटीओ, रांची