RANCHI:यदि आपको सर्दी, खांसी, बुखार है और आपने कोरोना टेस्ट करा लिया है लेकिन अभी तक आपकी रिपोर्ट नहीं आई है तो भूलकर भी देर न करें। फौरन इलाज चालू करें। जैसे ही आपको करोना से संबंधित कोई लक्षण महसूस हो, डॉक्टरों द्वारा सलाह लेकर दवाई शुरू कर सकते हैं। रिम्स के सीनियर डॉक्टर जेके मित्रा बताते हैं कि जिन लोगों ने समय पर दवाइयां शुरू कर दीं, वह होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए। जिन लोगों ने रिपोर्ट के इंतजार में 4-5 दिन समय बिता दिया, उन्हें मुसीबत का सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट आने में लग रहा है वक्त

राजधानी में आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मिलने में 4 से 5 दिन का समय लग रहा है। बहुत सारे लोग रिपोर्ट आने का इंतजार करते रहते हैं, उसके बाद दवाइयां शुरू करते हैं। इस कारण उनकी तबीयत और बिगड़ जाती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लक्षण आने के साथ ही दवाइयां शुरू कर सकते हैं।

दवा शुरू करने वाले ठीक हुए

रांची में जिन लोगों ने समय पर दवाई शुरू की, उन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सही समय पर दवा शुरू करके कम बीमार लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना और फैसला सही साबित हुआ। मरीज घर पर दवाएं और घरेलू इलाज से ठीक हुए हैं। इनमें अधिकतर लोगों को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। लोगों ने लक्षण आने के साथ ही दवाई शुरू की और वह समय से ठीक हो गए।

डॉक्टर से जरूर लें सलाह

जेनरल फिजीशियन डॉ राहुल कुमार सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का उपयोग न करें। सोशल मीडिया पर इलाज के तौर-तरीकों पर विश्वास न करें। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर आपके कोरोना का सिम्टम्स सर्दी, बुखार, शरीर में दर्द जैसी शिकायत आती है और आप अपना टेस्ट कराते हैं, लेकिन रिपोर्ट आने में देर हो रही है तो इंतजार न करें तुरंत दवाइयां शुरू करें। लेकिन, इससे पहले किसी डॉक्टर से टेलीफोन पर ही सही, सलाह जरूर ले लें।

होम आइसोलेशन में शुरू करें इलाज

लक्षण आने के साथ ही सरकार ने जिन दवाइयों को खाने की सलाह दी है उन्हें लेना शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इन बातों का भी ख्याल रखें:

1. संक्रमित व्यक्ति हमेशा अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें, परेशानी होने पर डॉक्टर से बात करें।

2. संक्रमण के साथ कोई दूसरी बीमारी है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद उसकी भी दवा जारी रखें। अपने मन से दवा बंद न करें।

3. संक्रमित को बुखार, खांसी, नाक बहना और अन्य तकलीफें हैं, तो लक्षणों को खत्म करने की दवा नियमित लेते रहें।

4. संक्रमित व्यक्ति दिन में कम से कम 2 बार भाप लें और गार्गिल करें। इससे श्वास नालिका साफ रहेगी।

होम आइसोलेशन के योग्य मरीज

- डॉक्टर बतायेंगे कि आपको हल्का लक्षण है या लक्षण रहित संक्रमण है।

- संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार नियमानुसार 14 दिन क्वारेंटिन रहेगा।

- संक्रमित व्यक्ति की देखरेख के लिए एक व्यक्ति दिनभर रहे। डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहें।

- 60 वर्ष से अधिक उम्र के कोरोना संक्रमित जिन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय, किडनी समेत अन्य बीमारियां हैं, तो वो डॉक्टरी सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रहेंगे

- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहनेवाला हर व्यक्ति डॉक्टरी सलाह के बाद ही दवा खायेगा।

ये लक्षण दिखे तो पहुंचें अस्पताल

डॉक्टर जेके मित्रा बताते हैं कि जब आपको यह लक्षण दिखे तभी अस्पताल में एडमिट हों, वर्ना नघर पर ही इलाज कराएं।

- ऑक्सीजन लेवल में लगातार गिरावट (94 से कम)।

- पहले से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में हों और रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो तो लापरवाही भारी पड़ सकती है।

- किडनी, कैंसर पीडि़त, हार्ट व फेफड़े की समस्या वाले मरीज होम आइसोलेशन का विकल्प नहीं चुनें।

ये सावधानी भी रखना जरूरी

रांची में भी कोरोना संक्त्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होने से लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। घर में रह कर इलाज कराने के दौरान अधिक सावधान रहने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्ति को एक कमरे में आइसोलेट कर देना चाहिए। वहीं, संक्रमित व्यक्ति से घर के अन्य सदस्य को अलग कर देना चाहिए, ताकि वायरस का फैलाव घर के अन्य सदस्यों तक नहीं हो। संक्रमित व्यक्ति का अलग बर्तन होना चाहिए, जिससे अन्य लोगों के बर्तन का मिलान न हो। संक्रमित अलग बाथरूम का प्रयोग करें। वहीं, शरीर में ऑक्सीजन लेवल की जांच समय-समय पर पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से करते रहें। 95 से नीचे ऑक्सीजन लेवल आने या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही होम आइसोलेशन के दौरान हेल्दी फूड भी अवश्य लें। इसमें हरी सब्जियां, फल, प्रोटीनयुक्त भोजन को प्रमुखता से शामिल करें।