रांची : रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं की कालाबाजारी मामले की जांच अब एसआइटी करेगी। जांच टीम का नेतृत्व अपर पुलिस महानिदेशक अनिल पालटा करेंगे। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले की जांच एसआइटी से कराने के लिए तैयार हैं। सरकार इस बात को लेकर भी तैयार है कि वर्तमान एडीजी, रेल अनिल पालटा एसआइटी का नेतृत्व करेंगे। चीफ जस्टिस डा। रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एसआइटी से इस मामले की जांच कराने को कहा।

दे सकते हैं आवेदन

अदालत ने कहा कि अनिल पालटा को अपनी टीम का चयन करने का अधिकार होगा। इसके अलावा उन्हें किसी भी संसाधन की जरूरत होगी तो वे अदालत में आवेदन दे सकते हैं। एसआइटी समय-समय पर अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करेगी। सरकार ने कुछ दिनों पहले सीआइडी एडीजी अनिल पालटा का ट्रांसफर कर दिया था, जिसे लेकर कोर्ट नाराज था। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने कहा कि इस मामले में आरोपित राजीव सिंह से वर्तमान सीआइडी एडीजी प्रशांत सिंह का संबंध है। ऐसे में निष्पक्ष जांच की संभावना कम ही है। दूसरे विभाग में रहते हुए एडीजी अनिल पालटा जांच का सुपरविजन कैसे कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें अपनी टीम बनाने की छूट और जांच में किसी प्रकार की दखल नहीं देने का आश्वासन सरकार को देना होगा।

राज्य सरकार तैयार

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार अनिल पालटा के नेतृत्व में एसआइटी के गठन को तैयार है। सीआइडी एडीजी रहते हुए अनिल पालटा ने चार अधिकारियों की एक टीम बनाई थी। वे उसी टीम के साथ काम कर सकते हैं। सरकार ने शपथ पत्र के माध्यम से उक्त जानकारी कोर्ट में भी दाखिल की है। डीएसपी स्तर के अधिकारी की ओर से शपथ पत्र दाखिल करने पर कोर्ट ने पूछा कि क्या इसके लिए सरकार की सहमति है। इसपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय की सहमति है। इस पर अदालत ने अनिल पालटा के नेतृत्व में एसआइटी के गठन मंजूरी दे दी। अदालत ने एसआइटी को समय-समय पर जांच रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।