रांची (ब्यूरो)। हटिया रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स तैनात दिखी। वे अपनी ड्यूटी शिफ्ट के अनुसार कर रहे हैं। हालांकि, रांची से बाहर जाने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो रही है, लेकिन बाहर से रांची आने वाले यात्रियों की पूरी जांच की जा रही है। स्वास्थ कर्मी शांति लकड़ा ने बताया कि हटिया में रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर दोनों प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है। रैपिड एंटीजन की रिपोर्ट यात्री के फोन पर 1 से 2 घंटे में आ जाती है और आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट रिम्स से आने में 1 दिन का समय लग जाता है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर यात्रियों को ट्रेस किया जा रहा है और उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है। हटिया में 24 घंटे एंबुलेंस सेवा भी मौजूद है। वहीं सभी ट्रेनों को नियमित रूप से सेनेटाइज भी किया जा रहा है।

दोनों डोज वालों को भी टेस्ट अनिवार्य

रांची रेलवे स्टेशन पर भी पुलिसकर्मी काफी सख्ती से अपना काम करते नजर आए। यदि कोई यात्री चकमा देने की सोच भी रहे हैैं, तो पुलिस की नजरों से बच नहीं पा रहे। वैक्सिनेशन कंप्लीट होने पर भी यात्रियों का टेस्ट कराना अनिवार्य है। साथ में स्टेशन के चारों ओर समय-समय पर सेनेटाइज करने वाली गाड़ी सड़क पर दौड़ती नजर आई।

एयरपोर्ट पर भी सख्ती

रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर भी अच्छी खासी सख्ती देखने को मिली। यहां एयरपोर्ट के भीतर जाने से पहले ही यात्रियों के बैग सेनेटाइज किये जा रहे थे। साथ ही वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके यात्रियों को ही सिटी में प्रवेश की इजाजत दी जा रही थी। एयरपोर्ट पर यात्रियों ने बचाता कि वैक्सीनेशन कंप्लीट नहीं होने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट दोबारा कराने को कहा जा रहा है। यहां मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर लगातार अनाउंसमेंट भी किया जा रहा था। एयरपोर्ट पर वैसे यात्रियों को टेस्ट से छूट मिली है, जिन्होंने 72 घंटे पहले टेस्ट कराया है और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। साथ ही कम से कम 15 दिन पहले वैक्सीनेशन कंप्लीट होने के रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।

बसों में मिट जाते हैैं फासले

बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में स्थिति उतनी अच्छी नजर नहीं आई। बसों में यात्रियों को बिठाने में दो गज दूरी का ख्याल नहीं रखा जा रहा था। हर सीट पर यात्री नजर आए। बस संचालकों का कहना था कि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने पर यात्रियों से दोगुना भाड़ा लेना पड़ता है, लेकिन यात्री इसके लिए तैयार नहीं होते। यही वजह है कि अब भी बसों में यात्री ठूंसे जा रहे हैैं। वैसे बसों के प्रस्थान से पहले यात्रियों के लिए पूरी बस सेनेटाइज की जा रही है। साथ ही यात्रियों के पास अगर मास्क न हो तो उन्हें मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है और बस में बैठने से पहले सभी के हाथ सेनेटाइज किये जा रहे हैैं।