रांची(ब्यूरो)। इसी साल 2022 में डब्ल्यूएचओ द्वारा यह डाटा जारी किया गया है कि झारखंड के सबसे प्रदूषित शहरों में रांची टॉप फाइव में शामिल है। यहां की हवा में पॉल्यूशन का लेवल ठीक नहीं है। लेकिन अब राजधानी के हर कोने की हवा गुणवत्ता की मॉनिटरिंग की जाएगी और लोग आसानी से राजधानी के विभिन्न इलाकों में वायु प्रदूषण का सटीक डाटा जान सकेंगे। रांची नगर निगम इसके लिए तैयारी शुरू कर दिया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जहां की आबादी दस लाख से अधिक है वहां के वायु प्रदूषण की जांच के लिए कई स्टेशन लगाए जाने हैं। इसी के तहत रांची नगर निगम शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग जांच केंद्र बनाए जाएंगे।

20 जगह बनेंगे सेंटर

रांची नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में 6 स्थानों पर वायु प्रदूषण की जांच के लिए स्टेशन स्थापित करने की तैयारी चल रही है। पूरे शहरी क्षेत्र में 20 जगह लगाने की योजना है। शुरुआत में छह जगहों पर लगाया जाएगा, बाद में 14 और नई जगह पर भी लगाया जाएगा।

अभी सिर्फ एक जगह

राजधानी रांची में सभी जगहों के लोगों को अभी वायु प्रदूषण का अधिकृत डाटा नहीं मिल रहा है। सिर्फ डोरंडा में लगे एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन से पॉल्यूशन का सही-सही डाटा मिलता है। उस इलाके के लोगों को तो अपने शहर के रियल प्रदूषण के डाटा का पता चलता है, लेकिन शहर के दूसरे इलाकों में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिलती है। अब शहर के अलग-अलग इलाकों में लग जाने के बाद लोगों को इसकी जानकारी मिलने लगेगी।

रांची की हवा हुई खराब

डब्लूएचओ द्वारा झारखंड में प्रदूषण को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। 2022 की प्रदूषण जांच रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में धनबाद को बताया गया है। जबकि झारखंड के 43 छोटे-बड़े शहरों में रांची को 5वें नंबर पर बताया गया है। रांची की आबोहवा अब पूरी तरह से दूषित हो चुकी है। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैस है। इसके अलावा नये भवनों का निर्माण, फ्लाईओवर निर्माण, पुल-पुलिया का निर्माण, वाहनों का दूषित धुआं, झिरी डंपिंग यार्ड से निकलने वाले धुएं शामिल हैं। प्रदूषण के मामले में नगर निगम, जिला प्रशासन और विभाग पूरी तरह से सोये हुए हैं। इस कारण लगातार रांची की हवा जहरीली होती जा रही है।

पार्टिकुलर मैटर पहुंचा 50

पार्टिकुलर मैटर 10 तक होने पर लोगों को कोई हानि नहीं होती है। पर इससे अधिक बढऩे पर यह शरीर के लिए काफी हानिकारक है। धनबाद का पार्टिकुलर मैटर 60 तक पहुंच गया है। जबकि रांची का पार्टिकुलर मैटर 50 तक पहुंच गया है। यह दस सिगरेट पीने से अधिक हानिकारक है। धनबाद के बाद रामगढ़ 60, हजारीबाग 55, साहेबगंज 60, जमशेदपुर व रांची का पार्टिकुलर मैटर 50 बना हुआ है। साथ ही सबसे स्वच्छ शहर में खूंटी को गिना गया है। खूंटी का र्पाटिकुलर मैटर 15 रिकार्ड किया गया है।

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जिस शहर की आबादी 10 लाख से अधिक है, वहां एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग मशीन लगानी है। पहले फेज में रांची में 6 स्थानों पर मशीनें लगाई जाएंगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही मशीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा। अभी तक रांची में सिर्फ एक जगह डोरंडा में ही एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम से ऑथेंटिक डाटा कलेक्ट किया जा रहा है।

-कुंवरसिंह पाहन, उप नगर आयुक्त, रांची नगर निगम