रांची: हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। इसे महामुहूर्त भी माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस मुहूर्त में किसी भी नये काम का शुभारंभ किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना या घर लाना शुभ होता है। यही वजह है कि इस दिन लोग सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी करते हैं। शुक्रवार को अक्षय तृतीय है, लेकिन वैश्रि्वक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान झारखंड में इस बार अक्षय तृतीया का बाजार बिल्कुल मंदा है। लॉकडाउन के कारण ज्वेलरी दुकान बंद होने से अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग आभूषणों की खरीदारी नहीं कर पाएंगे। इससे अक्षय तृतीया के अवसर पर करोड़ों रुपए के ज्वेलरी व्यापार पर ग्रहण लग गया है। ज्वेलरी व्यवसायियों के मुताबिक अक्षय तृतीया पर इस वर्ष भी बाजार पर कोरोना की मार पड़ गई है।

मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य

मान्यता है कि इसी दिन सतयुग व त्रेता युग का आरंभ हुआ था। द्वापर युग का अंत और कलयुग की शुरुआत भी इसी दिन हुई थी। इस वजह से इस तिथि को युगादि तिथि भी कहा जाता है। बताया जाता है कि भगवान परशुराम का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन को महामुहूर्त भी कहा जाता है। इस वर्ष 14 मई को अक्षय तृतीया है। इस दिन सूर्य भगवान मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे।

दूसरे साल भी लॉकडाउन का असर

गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष रूप से सर्राफा, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, फ्लैट व जमीन का कारोबार गुलजार रहता है। लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण उक्त सभी व्यवसायों के ऊपर मंदी की मार पड़ गई है। अक्षय तृतीया पर हर वर्ष लोग जमकर आभूषणों की खरीदारी करते हैं। इस मौके पर सर्राफा बाजार की रौनक देखते ही बनती है। लेकिन पिछले साल से ही कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से अभी तक ज्वेलरी व्यवसाय उबर नहीं पाया है। झारखंड सर्राफा बाजार संघ के एक आकलन के मुताबिक पूरे राज्य में लॉकडाउन के कारण इस वर्ष तकरीबन 260 करोड़ रुपए के सोने-चांदी का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। इसमें सबसे ज्यादा राजधानी रांची में लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए के आसपास का व्यापार प्रभावित होने की आशंका है।

ज्वेलरी व्यवसाय में गिरावट

सर्राफा बाजार से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि विगत वर्ष लॉकडाउन के कारण यूं ही बाजार काफी नीचे चला गया था। सर्राफा बाजार में अगस्त से सितंबर के बीच थोड़ी बहुत तेजी रही। व्यवसायी बताते हैं कि नवंबर के महीने से रांची का ज्वेलरी व्यवसाय पटरी पर आ ही रहा था कि इस वर्ष (मार्च 2021) के मध्य से ज्वेलरी व्यवसाय में फिर से गिरावट आने लगी। पिछले अप्रैल महीने में व्यापार लगभग 50 से 60 प्रतिशत कम हो गया था। ज्वेलरी व्यापारी लॉकडाउन का दंश झेलने को विवश है। लॉकडाउन के कारण शादी-ब्याह भी लोगों ने रद्द कर दी है। इस वजह से आभूषणों की बुकिंग भी आगे बढ़ गई है।

क्या कहते हैं ज्वेलर्स

राजधानी के एक ज्वेलरी व्यवसायी ने बताया कि विगत वर्ष भी कोरोना के कारण सर्राफा बाजार की बिक्री प्रभावित हुई थी। इस संबंध में रांची सोना-चांदी व्यवसायी संघ के रवि सर्राफ ने कहा कि इस वर्ष भी कोरोना के कारण पिछले साल की तरह अक्षय तृतीया का बाजार बिल्कुल ही नहीं है। यह काफी मुश्किल वक्त है ज्वेलरी व्यवसायियों के लिए। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर राजधानी रांची में लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए का कारोबार होता था, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण पूरी तरह व्यापार प्रभावित हो गया है।