-ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट के लिए एक महीने की चल रही वेटिंग

-आवेदकों का स्लॉट नहीं हो पा रहा है बुक

अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। जनवरी महीने तक पूरा स्लॉट बुक है। अब जो भी लाइसेंस लेने के लिए नए आवेदन दे रहे हैं उनका स्लॉट फरवरी महीने के लिए बुक किया जा रहा है यानी की एक महीने के बाद ही उनको टेस्ट का समय दिया जायगा। अगर अभी आपने स्लॉट बुक किया है तो फरवरी में ही ड्राइविंग टेस्ट दे पाएंगे। वहीं, जिनका लर्निग लाइसेंस (एलएल) फेल हो चुका है, उन्हें रिन्युअल कराना होगा। एलएल रिन्युअल के लिए 150 रुपए देना होगा।

क्या है मामला

केंद्र सरकार द्वारा एमवीआई एक्ट में संशोधन के बाद से इसका असर रांची डीटीओ ऑफिस में नजर आने लगा था। इससे अचानक यहां भीड़ बढ़ गई थी। लोगों की बढ़ती भीड़ को देखकर नया डीएल बनाने के लिए प्रतिदिन 200 की जगह 300 और परमानेंट लाइसेंस के लिए 200 की जगह 250 स्लॉट बुक किया गया था। इसके बावजूद लोगों को एक-एक महीने इंतजार करना पड़ रहा है ।

डीएल नहीं होने पर चालान कटने से परेशानी

राजधानी सहित आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों ट्रैफिक पुलिस बड़े पैमाने पर ड्राइविंग लाइसेंस की चेकिंग कर रही है। लाइसेंस नहीं होने पर वाहन चालकों से चालान की बड़ी राशि काटी जा रही है। दूसरी तरफ ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन दिये कई युवाओं की शिकायत है कि उनका लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। इसके पीछे का कारण ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए निर्धारित टाइम स्लॉट बुकिंग है। इससे ग्रामीण इलाकों के युवा काफी परेशान हैं। पीडि़त युवाओं का कहना है कि लाइसेंस बनवाने के लिए तय स्लॉट बुकिंग की गलत नीतियों से उन्हें परेशानी हो रही है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनानेवाले दलालों की चांदी है।

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रूरल एरिया के आवेदकों की बुकिंग ही नहीं

राजधानी के आसपास के ग्रामीणों का स्लॉट बुकिंग नहीं हो पा रहा है कि परिवहन विभाग ने स्लॉट बुकिंग के लिए सुबह 11 बजे का समय तय कर रखा है। यह मात्र एक से डेढ़ मिनट का ही है, जो कि बेहद कम है। ग्रामीण क्षेत्र से किसी आवेदक की बुकिंग नहीं हो पा रही है। इससे लाइसेंस के लिए आवेदक अब कैफे के चक्कर काट रहे हैं। इस कारण दलाल भी सक्रिय हो गये हैं। काम कराने के एवज में ऐसे दलाल एक मोटी रकम भी वसूल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ड्राइविंग टेस्ट देनेवाले दर्जनों आवेदकों को वाहन टेस्ट देना है। लेकिन स्लॉट बुकिंग की गलत नीतियों से उन्हें काफी परेशान हो रही है। वैसे भी लॉकडाउन के कारण पहले से वाहन चालन टेस्ट का काम रुका था। अब जब यह शुरू हुआ है तो टेस्ट देनेवाले आवेदकों की संख्या बढ़ गयी है। लेकिन टाइम स्लॉट की नीतियों से समस्या और बढ़ गयी है।