RANCHI : वेडनसडे को जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी प्रतिनिधिमंडल के साथ गवर्नर डॉ सैयद अहमद से मिले। बाबूलाल ने उन्हें मांग पत्र सौंपा, जिसमें हेमंत और उनकी सरकार के कार्यकाल में हुई कोयला तस्करी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच कराने और मतदान के दिन अवकाश रहते हुए सचिवालय में तीन कंपनियों आधुनिक ग्रुप, जय बाला जी और कोहिनूर स्टील को माइंस देने की अनुशंसा पर भी सवाल उठाया। बाबूलाल ने कहा कि सारे काम चुनाव के दिन कराए गए हैं और यह आचारसंहिता का उल्लंघन है। हेमंत सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि सरकार में बैठे लोग कंपनियों को लाभ पहुंचाने और इसके बदले व्यक्तिगत लाभ की चाहत रखते हैं और इसमें करोड़ों का लेन-देन हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

'कोयला तस्करी की खुली छूट'

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रामगढ़, हजारीबाग, धनबाद और बोकारो में वर्तमान सरकार ने कोयला तस्करी की खुली छूट दे दी है। इसकी निगरानी जांच की अनुशंसा की गई है। वहीं कोयला तस्करी की जांच डीएसपी संवर्ग के पदाधिकारी कर रहे हैं, जबकि इनमें आईजी से लेकर एसपी तक शामिल हैं। दूसरी ओर पथ निर्माण में हुए करोड़ों के टेंडर, बिजली की फ्रेंचाइजी समेत कई मसलों को गर्वनर के सामने रखा गया। जिस पर गर्वनर ने मांग पत्र पर विचार करने की बात कही है।

प्रतिनिधिमंडल में यह थे शामिल

प्रतिनिधिमंडल में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, राजीव रंजन प्रसाद, सुनील साहू, केके पोद्दार, अमित कुमार, राजीव रंजन मिश्रा, शकुंतला जायसवाल, राजनंदन सहाय और सरोज सिंह समेत कई लोग शामिल थे।