रांची(ब्यूरो)। अंजुमन इस्लामिया का झगड़ा अब आम जनता तक पहुंच गया है। रविवार को रांची के लोगों ने यह झगड़ा खुलकर अपनी आंखों के सामने देखा। अंजुमन अस्पताल में सांसद संजय सेठ को आना था। वह सांसद कोष से अस्पताल के ओपीडी में फंड देने वाले थे। लेकिन सांसद के आने से पहले ही अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा हो गया। सांसद को काले झंडे दिखाने की भी तैयारी शुरू हो गई। काफी देर तक हंगाम होता रहा। सांसद को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। इसके बाद अंजुमन के अध्यक्ष मोख्तार अहमद व महासचिव तारिक के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया। लेकिन अंजुमन का यह मामला सड़क तक पहुंच गया, इसे देखकर वहां मौजूद लोग सिर्फ थू-थू कर रहे थे। लोगों का कहना था कि इस तरह का मामला अंजुमन में नहीं होना चाहिए।
क्या है महासचिव का पक्ष
तारिक ने इसका खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। अगर सांसद को यहां फंड देना था या आना था तो इसकी जानकारी कमेटी को होनी चाहिए। साथ ही अंजुमन के नियम कानून के अनुसार आना चाहिए। लेकिन अध्यक्ष मोख्तार ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए सांसद को यहां बिना अंजुमन को जानकारी दिए बुलाना चाहा। इसी को लेकर विरोध किया गया। तारिक ने कहा कि अंजुमन मुसलमानों की खिदमत के लिए है। लेकिन अंजुमन का सहारा लेकर अगर कोई गलत काम करेगा तो कमेटी इसका विरोध करेगी।