रांची: सिटी में सेना बहाली चल रही है। हर दिन सुबह चार बजे मोरहाबादी ग्राउंड में दौड़ हो रही है। वहीं दूसरी ओर रांची के सदर हॉस्पिटल की भारी लापरवाही देखी जा रही है। दरअसल बहाली में शामिल होने वाले युवकों को कोविड रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। लेकिन सदर हॉस्पिटल युवकों को समय पर रिपोर्ट नहीं दे पा रहा है, जिस वजह से युवकों को बहाली में शामिल होने में कठिनाई हो रही है। कोविड टेस्ट सेंटर के बाहर युवकों की भीड़ जमा हो रही है। युवाओं को सुबह आना, शाम में आना कह कर बार-बार दौड़ाया जा रहा है। सदर हॉस्पिटल में कोविड टेस्ट कराने पहुंचे युवकों ने बताया कि आर्मी बहाली में 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी जा रही है। लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन 72 घंटे में भी रिपोर्ट अवेलेबल नहीं करा रहा है, जिस वजह से समय पर दौड़ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। बेड़ो के युवक सोनू तिर्की ने बताया कि तीन दिन तक हॉस्पिटल में दौड़ाया गया। पहले सैंपल लेने के लिए उसके बाद एसआरएफ नंबर और रिपोर्ट देने के नाम पर भी चक्कर लगवाए गए। सोनू ने बताया कि उसने शुक्रवार को ही सैंपल दिया था। सोमवार को रिपोर्ट दी गई है। अब मंगलवार को वह दौड़ में शामिल हो सकेगा।

प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट मान्य नहीं

सेना बहाली में प्राइवेट हॉस्पिटल से जांच कर आने वाले अभ्यर्थियों की रिपोर्ट मान्य नहीं है। उन्हें किसी भी सरकारी हॉस्पिटल से ही जांच कराने को कहा गया है। लेकिन युवक सरकारी हॉस्पिटल में अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैँ। सिर्फ सरकारी हॉस्पिटल में जांच होने की वजह से यहां युवकों की काफी भीड़ हो रही है। सदर अस्पताल प्रबंधन भीड़ को संभालने में फेल साबित हो रहा है। हॉस्पिटल की अव्यवस्था के कारण कई युवक बगैर सैंपल दिए ही लौट गए। एक अभ्यर्थी प्रकाश ने बताया कि रिपोर्ट लेने के लिए भी भारी मशक्कत करनी पड़ी। कभी दस बजे बुलाया गया। दस बजे गए तो चार बजे आने को कहा गया। इसके अलावा कभी नीचे तो कभी ऊपर का चक्कर लगवाया जा रहा था। सेना भर्ती में शामिल होने वाले युवक सुबह नौ बजे से ही हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। बता दें कि कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वाले अभ्यर्थी ही दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

दूर वाले कैंडिडेट्स ज्यादा परेशान

वैसे युवक जो दूर-दराज जैसे बेड़ो, नगड़ी, इटकी समेत अन्य जगहों से आ रहे हैं। उन्हें और ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सुदूर इलाकों में सीएचसी सेंटर से जांच करा कर युवक बहाली में आ सकते हैं। लेकिन दुविधा यह है कि सीएचसी सेंटर में जांच की समुचित सुविधा उपलब्ध ही नहीं है। यहां एक दिन में लगभग 10 लोगों की ही जांच हो पा रही है, जिस कारण सदर हॉस्पिटल में प्रेशर काफी बढ़ा हुआ है। सीएचसी में लैब टेक्नीशियन, एसी रूम के अभाव में जांच करने में परेशानी हो रही है। जांच कराने आए कैंडिडेट्स को वापस लौटना पड़ रहा है। जांच कराने आए कैंडिडेट्स ने कहा कि पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से बहाली में शामिल नहीं हो सके थे। इस बार तैयारी और अच्छी है लेकिन कोविड-19 जांच रिपोर्ट के कारण इस बार भी दौड़ में शामिल हो पाएंगे या नहीं, कहा नहीं जा सकता।

क्या कहते हैं कैंडिडेट्स

व्यवस्था बहुत खराब है। टेस्ट करने वाले टेक्नीशियन भी नहीं हैं। लंच के नाम पर घंटों गायब रह रहे हैं डॉक्टर। न सैंपल लेने की टाइमिंग है न रिपोर्ट देने की।

--प्रकाश

सेना बहाली में शामिल होने के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट बहुत जरूरी है। लेकिन सरकारी हॉस्पिटल की व्यवस्था देख काफी तकलीफ हो रही है। समय पर रिपोर्ट मिलती तो समय पर शामिल हो जाते।

-कमलेश

प्राइवेट हॉस्पिटल से जांच करा नहीं सकते। सरकारी हॉस्पिटल में व्यवस्था ही नहीं है। स्टूडेंट्स की भीड़ के आगे हॉस्पिटल प्रबंधन भी बेबस है। यहां के स्टाफ्स लगातार गायब हो रहे हैं।

- आनंद