रांची: रांची एयरपोर्ट पर दो दिन पहले ही एयर इंडिया की फ्लाइट बर्ड हिट का शिकार हुई थी। हालांकि, मामला बिगड़ने से पहले ही पायलट की सूझ-बूझ से प्लेन और 147 पैसेंजर्स की जिंदगी बच गई। भले ही बड़ा हादसा टल गया हो, लेकिन भविष्य में बर्ड हिट के बड़े हादसे से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इसे रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। वहीं, एयरपोर्ट डायरेक्टर का कहना है कि आठ महीने बाद ऐसा हादसा हुआ है, जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी अपनी अचीवमेंट मान रही है। वहीं, बर्ड हिट की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसका दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जायजा लिया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। एयरपोर्ट में साफ-सफाई का जायजा लेने पहुंची टीम ने एयरपोर्ट के ऊपर ही उड़ते हुए चील देखा। बता दें कि इन चीलों को जब जमीन पर कोई कीड़ा या चूहा नजर आता तो ये काफी तेजी से झपट्टा मारते हैं, और इसी दौरान बर्ड हिट जैसी घटनाएं हो जाती हैं। एयरपोर्ट के ऊपर उड़ते हुए चील और अन्य पक्षियों को भगाने के लिए बर्ड चेंजर, साउंड, गन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन रांची एयरपोर्ट के ऊपर उड़ रहे इन चील को भगाने के लिए कुछ भी प्रयोग नहीं हो रहा है।

जहां-तहां फंका पीपीई किट

रांची एयरपोर्ट पर दूसरे स्थानों से आने वाले पैसेंजर्स अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट पहन कर आते हैं। एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उनसे यह किट कलेक्ट कर लिया जाता है। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो पीपीई किट पहने एयरपोर्ट से बाहर निकल आते हैं और फिर इसे खोल कर बाहर ही यहां-वहां फेंक देते हैं। रांची एयरपोर्ट के बाहर कई जगह जहां-तहां किट फेंका हुआ नजर आया। इन किट को रखने के लिए एयरपोर्ट के पीछे एरिया में एक बॉक्स बनाया गया है, जिसे खाली करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक एजेंसी हायर कर रखा है। वाजिब है एयरपोर्ट अथॉरिटी उस एजेंसी को अच्छी-खासी रकम भी पे कर रही होगी। लेकिन बॉक्स खाली होने के बजाय भरा हुआ नजर आ रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

इन दिनों राज्य से बाहर जाने और आने के लिए ट्रांसपोर्टेशन बंद हैं। बस और ट्रेनें नहीं चल रही हैं। ऐसे में सिर्फ फ्लाइट ही एकमात्र सहारा है, लोगों की यात्रा करने के लिए। यही वजह है कि इन दिनों एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को भी ऐसा ही नजारा दिखा। एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों की काफी भीड़ थी। इस कारण एयरपोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं। भीड़ को संभालने वाले स्वंय भी साइड में आराम फरमाते दिखे, वहीं एयरपोर्ट परिसर में पैसेंजर के बगल में ही कुत्ते भी आराम फरमाते नजर आए।

सजती है मीट-मछली की दुकानें

रांची एयरपोर्ट के तीन से चार किमी की दूरी पर ही मीट और मछली की दुकानें भी सजती हैं। जी हां, बिरसा चौक से आगे बढ़ने पर लगभग दो किमी एरिया तक एयरपोर्ट की बाउंड्री है। लेकिन विडंबना है कि इसी बाउंड्री से थोड़ी दूर पर मछली की दुकानें लगती हैं। मांस की दुकानों पर कौवे और पक्षियों का बसेरा होता है। चील भी अपनी पैनी निगाह गड़ाए रखते हैं। मौका पाकर झपट्टा मारते हैं और यही कभी-कभी खतरनाक साबित हो जाता है।

बर्ड हिट जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सावधानियां और बढ़ा दी गई हैं। बर्ड चेंजर बढ़ा दिए गए हैं। बर्ड को भगाने के लिए गन, पटाखे और साउंड का भी प्रयोग किया जा रहा है। ट्री जो बड़े-बडे़ हो गए थे, उनकी भी कटाई शुरू कर दी गई है। डीसी और नगर निगम से भी कहा गया है कि एयरपोट परिसर को क्लीन करने में मदद करें।

- विनोद शर्मा, डायरेक्टर, एयरपोर्ट अथॉरिटी